झारखंड की बंद कोयला खानों में हो रहा है अवैध खनन, पर 11 केस ही अब तक दर्ज

झारखंड की बंद खदानों से अवैध कोयला खनन अभी भी जारी है. इसमें अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. केंद्र सरकार भी मानती है कि कोयले का अवैध कारोबार हो रहा है, लेकिन उसकी नजर में इसकी मात्रा काफी कम है. क्योंकि सरकारी आंकड़ों या रिपोर्ट में इसे दिखाया नहीं जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 24, 2022 1:44 PM

Jharkhand Coal Mine News: झारखंड की बंद खदानों से अवैध कोयला खनन अभी भी जारी है. इसमें अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. केंद्र सरकार भी मानती है कि कोयले का अवैध कारोबार हो रहा है, लेकिन उसकी नजर में इसकी मात्रा काफी कम है. क्योंकि सरकारी आंकड़ों या रिपोर्ट में इसे दिखाया नहीं जाता है. 2021-22 में कोल इंडिया की कंपनियों में अवैध खनन से संबंधित मात्र 11 मामले दर्ज हैं, जिसमें पांच मामले सीसीएल के, वहीं तीन मामले झारखंड में खनन करनेवाली कोयला कंपनियों से संबंधित हैं. अन्य तीन मामले झारखंड से बाहर की कंपनियों ने दर्ज कराये हैं. वहीं, झारखंड में अवैध खनन से संबंधित मात्र आठ मामले ही दर्ज हो पाये.

जोरों से हो रहा अवैध खनन, पर कंपनियां कर रहीं इंकार

कोयला मंत्रालय का कहना है कि मात्र 12 लाख रुपये की कोयला चोरी हुई है, जिसमें बीसीसीएल का अवैध खनन का एक भी कोयला नहीं गया. सीसीएल में करीब 29 टन तथा करीब 123 टन कोयला झारखंडवाले हिस्से की खदानों से गया. जब सीसीएल के खननवाले इलाके में इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की गयी, तो स्थिति कुछ और ही निकली. आज भी बड़ी संख्या में लोग अवैध खनन में लगे हैं.

हजारीबाग में जारी है दशकों पुराना अवैध कारोबार

हजारीबाग में भी अवैध कोयले का धंधा पिछले तीन-चार दशक से होता आ रहा है. अवैध खनन के दौरान दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार के पास इसके बहुत कम आंकड़े हैं. सीसीएल प्रबंधन व पुलिस प्रशासन अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए पिछले कुछ वर्षों से लगातार प्रयास कर रहा है. कई अवैध खनन के मुहानों को बंद किया गया है. सिरका, अरगड्डा, गिद्दी सी, ग्रामीण क्षेत्र के कुर्रा, होन्हेमोढ़ा सहित अन्य जगहों पर कोयले का अवैध खनन होता है. बरसात में इसका धंधा नहीं के बराबर होता है, लेकिन गरमी व ठंड के मौसम में यह धंधा चरम पर रहता है. इस इलाके में लोगों के लिए यह अब रोजगार का माध्यम बन गया है. साइकिल से अवैध कोयला क्षेत्र की कई फैक्टरी, भट्टा, रांची तथा वाहनों से बनारस की मंडी तक जाता है.

भुरकुंडा में जंगलों में स्टॉक किया जाता है अवैध कोयला

भुरकुंडा व भदानीनगर थाना क्षेत्र की बंद कोलियरी से अवैध उत्खनन हो रहा है. बंद खदान से प्रतिदिन अवैध उत्खनन के बाद दर्जनों साइकिलों से कोयला निकाल कर ग्रामीण क्षेत्र के जंगलों में स्टॉक करते हैं, जिसे बाद में ट्रैक्टर या टर्बो ट्रक से रांची जिला के ओरमांझी, पिठोरिया, कांके आदि जगहों के ईंट भट्ठों तक पहुंचा दिया जाता है. कुछ लोग खदान से साइकिल के जरिये कोयला निकालकर सीधे रांची की खुदरा मंडियों में बेचते हैं.

जान पर खेलकर करते हैं कोयला चोरी

सीसीएल कुजू कोलियरी के पास बंद भूमिगत खदान में कोयला काटने गये 32 वर्षीय मजदूर की जहरीली गैस से दम घुटने की घटना के बाद भी कई जगह मजदूर अवैध कोयला निकालने का काम कर रहे हैं. मजदूर साइकिल से कोयला रामगढ़-रांची ले जाते हैं. कोयला ढोनेवाले मजदूरों का कहना है कि वह रोजगार का साधन नहीं रहने से जान पर खेल कर कोयला बेचते हैं. इधर, सीसीएल कुजू क्षेत्र की कई बंद खदानों के इर्द-गिर्द बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता है. क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी सह खनन अभियंता संजय सिंह कहते हैं कि कई खदान लंबे समय से बंद हैं. इस कारण खदान में पर्याप्त मात्रा में गैस होने के कारण ऑक्सीजन की कमी हो गयी है. ऐसी खदानों में जो भी खनन करने के लिए घुसते हैं, उनकी दम घुटने से जान चली जाती है.

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