झारखंड में हो रहे अवैध बालू कारोबार में अब बिहार के चालान का भी इस्तेमाल हो रहा है. पूर्व में जहां पतरातू, चतरा के चालान पर सोनाहातू से बालू उठाया जा रहा था. वहीं अब इसी सोनाहातू के अलग-अलग बालू घाटों से बिहार के चालान से बालू उठाया जा रहा है, जिसे आदित्यपुर या जमशेदपुर में बेचा जा रहा है. मामले का खुलासा तब हुआ, जब 16 सितंबर को अहले सुबह सरायकेला-खरसावां के एसपी डॉ विमल कुमार के निर्देश पर इचागढ़ के थाना प्रभारी गौरव मिश्रा ने अवैध बालू परिवहन को लेकर छापेमारी की.
उस समय अवैध बालू लदे तीन हाइवा व एक ट्रैक्टर जब्त किया गया. हालांकि अंधेरे का फायदा उठाकर हाइवा चालक भाग खड़ा हुआ. पर गाड़ी में रखा चालान मिल गया. यह चालान बिहार के गया जिले का निकला. सरायकेला-खरसावां के एसपी डॉ विमल कुमार ने बताया कि यह बात सही है कि चालान गया का था. इसे सरायकेला-खरसावां के डीएमओ को भेज दिया गया है.
यह भी कहा गया कि जांच करें कि कैसे गया के चालान का इस्तेमाल हो रहा है. जो चालान पकड़ा गया है, वह गया के किसी मां लक्ष्मी क्रियेटिव प्राइवेट, डायरेक्टर चुनचुन, जिला गया बिहार द्वारा 15 सितंबर को जारी किया गया था. चालान जमशेदपुर के बोड़ाम प्रखंड राकेश कुमार महतो के नाम जारी किया गया था. मोबाइल नंबर भी गलत लिखा गया है. गाड़ी का नंबर जेएच05सीइ 3126 दर्ज है. जो ट्रक का है, पर बालू हाइवा से ले जाया जा रहा था.
सोनाहातू में एनजीटी की रोक व बिना टेंडर के ही अवैध बालू उठाव पर प्रभात खबर में जब रिपोर्ट छपी थी. तब आठ सितंबर को रांची जिला खनन कार्यालय द्वारा छापेमारी कर छह लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. 10 सितंबर तक बालू का अवैध कामकाज बंद रहा. पर अब फिर से वहां बालू का अवैध कारोबार शुरू हो गया है. 16 सितंबर को सरायकेला-खरसावां पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई से यह स्पष्ट हुआ कि बालू सोनाहातू से लाया जा रहा था. पर चालान गया का था.
इधर सूत्रों ने बताया कि सोनाहातू में जब्त बालू को औने-पौने दामों में बेचा भी गया है. इसके बाद स्वर्णरेखा नदी के बरेंदा घाट से बालू का अवैध रूप से उठाव हो रहा है. बालू के अवैध कारोबार को राजनीतिक दलों का संरक्षण भी प्राप्त है. वहीं कई पुलिसकर्मियों की भी मिलीभगत है. इस क्षेत्र में बालू बरेंदा, डिबाडीह व जिंतडीह घाट से उठाया जा रहा है.