रांची. सीएमपीडीआइ और सोसाइटी ऑफ जियो-साइंटिस्ट्स झारखंड (एसजीएसजे) के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘खनिज गवेषण और जल संसाधन प्रबंधन : अभिनव प्रवृत्तियां’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन शनिवार को किया गया. इसका उदघाटन कोयला मंत्रालय की अपर सचिव रूपींद्र बराड़ ने ऑनलाइन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि झारखंड खनन के क्षेत्र में बड़ी संभावनाओं वाला राज्य है. यहां खनन के क्षेत्र में जो काम हो रहे हैं, उसे और बढ़ाया जा सकता है. क्योंकि हमें खनिज गवेषण के दौरान सस्टेनेबल खनन और जल संसाधन प्रबंधन पर गहन शोध और नवीन विचारों की आवश्यकता है. यह सेमिनार खनन के पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने में मूल्यवान साबित होगा.
झारखंड में 95 प्रकार के मिनरल्स हैं
सीएमपीडीआइ के सीएमडी मनोज कुमार ने कहा कि झारखंड में 95 प्रकार के मिनरल्स हैं. इस पर अच्छे से काम हो, तो झारखंड मिनरल्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकता है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उप महानिदेशक सुदीप भट्टाचार्या ने कहा कि जीएसआइ की स्थापना 1851 में हुई थी. यह पहले से खनन के क्षेत्र में काम कर रहा है. सीएमपीडीआइ अब कोयला खनन के क्षेत्र में काम कर रहा है. खनन के काम को पर्यावरण के अनुकूल बनाने की जरूरत है. इसके लिए भारत सरकार 2070 तक नेट जीरो प्रदूषण पर काम कर रही है. सीएमपीडीआइ के निदेशक तकनीकी अजय कुमार ने कहा कि खनिज संसाधन की जरूरत कभी कम नहीं होनेवाली है. इसकी उपयोगिता हमेशा बनी रहेगी. मौके पर निदेशक तकनीक सतीश कुमार झा ने भी विचार रखे. अतिथियों का स्वागत सीएमपीडीआइ के महाप्रबंधक राजीव कुमार सिंह ने किया.
22 तकनीकी पेपर प्रस्तुत किये गये
इस सेमिनार में छह की-नोट सहित कुल 22 तकनीकी पेपर प्रस्तुत किये गये. जीएसआइ, एनटीपीसी, अदाणी, सेल, एमइसीएल, रांची विश्वविद्यालय, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, आइआइटी, आइएसएम के 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. मौके पर झारखंड पुलिस के एडीजी (ऑपरेशन) संजय ए लाठकर, एमटीसीएस के शांतो मुखर्जी, सीएमपीडीआइ के क्षेत्रीय संस्थान-3 के क्षेत्रीय निदेशक जयंत चक्रवर्ती एवं क्षेत्रीय संस्थान-1 के क्षेत्रीय निदेशक इरशाद अहमद, पूर्व महाप्रबंधक एवी सहाय भी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है