Political news : अपनी मर्जी से डीजीपी का चयन करने वाला झारखंड अकेला नहीं : सुप्रियो

झामुमो ने कहा कि भाजपा शासित कई राज्यों में पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति वहां की सरकार द्वारा की जाती है. अपनी पहली कैबिनेट बैठक में बाबूलाल ने ओबीसी का आरक्षण क्यों घटाया, जवाब दें.

By Prabhat Khabar News Desk | February 6, 2025 12:12 AM

रांची. झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि कुछ लोग राजनीति में जगह बनाने के लिए प्रेस काॅन्फ्रेंस करते हैं. बाबूलाल मरांडी भी राज्य के डीजीपी के चयन को लेकर चिंतित हैं. बाबूलाल अरमान पाले हुए थे कि हिमंता विश्वा सरमा और शिवराज सिंह इनको मुख्यमंत्री बना देंगे. इनका सपना चकनाचूर हो गया. देश में कई राज्यों की सरकार अपनी मर्जी और समझ से पुलिस के सर्वोच्च पदाधिकारी डीजीपी का चयन करती है. हेमंत सोरेन सरकार की कैबिनेट ने भी सात जनवरी को यह फैसला लिया. ऐसा करने वाला झारखंड अकेला राज्य नहीं है, भाजपा शासित राज्यों में भी यह व्यवस्था है. श्री भट्टाचार्य बुधवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.

बिहार व ओडिशा में भी राज्य सरकार अपनी मर्जी से डीजीपी का चयन करती है

उन्होंने कहा कि यह केवल झारखंड में लिया गया निर्णय नहीं है. हमारे पड़ोसी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार व यूपी भी अपनी मर्जी से डीजीपी का चयन करते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा शासित कई राज्यों में पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति वहां की सरकार द्वारा की जाती है. उसी प्रकार दक्षिण के राज्य तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व केरल में भी ऐसा किया जाता है. गुजरात और राजस्थान में भी वहां की राज्य सरकार द्वारा ऐसा किया जाता है. झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि पहले परंपरा थी कि झारखंड सरकार तीन नामों का पैनल केंद्र को भेजती थी. अब वह प्रथा समाप्त कर दी गयी है. कैबिनेट का निर्णय है. इस कैबिनेट को जनादेश प्राप्त है.

आरक्षण पर जवाब दें बाबूलाल

झामुमो नेता ने कहा कि बाबूलाल राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री रहे हैं. कैबिनेट बनते ही फैसला लिया गया कि ओबीसी का आरक्षण घटाया जाये. बाबूलाल मरांडी को जवाब देना चाहिए कि ओबीसी का आरक्षण क्यों घटाया. झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि बाबूलाल मरांडी सुप्रीम कोर्ट का हवाला दे रहे हैं. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इनको प्रतिपक्ष का नेता चुन लेने को कहा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी प्रतिपक्ष का नेता नहीं बना पा रहे हैं. सुप्रीम के आदेश का हाइकोर्ट स्वत: संज्ञान ले. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी 1.36 लाख करोड़ बकाया का हिसाब मांग रहे हैं. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को 1.36 लाख करोड़ का ब्योरा भेजा था. सार्वजनिक रूप से पार्टी और सरकार ने बताया है. जातीय जनगणना के सवाल पर कहा कि मंत्रिमंडल इस विषय पर सामूहिक फैसला ले सकता है. वित्त विभाग का भार कांग्रेस के पास है. जातीय जनगणना की बात पार्टी ने भी सरकार तक पहुंचायी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version