झारखंड के 37.25 लाख घरों तक अब भी नल से जल नहीं पहुंच पाया है. वर्ष 2019 में शुरू हुई जल जीवन मिशन योजना मार्च 2024 में समाप्त होगी. ऐसे में राज्य सरकार को लक्ष्य हासिल करने के लिए बचे हुए आठ माह में इन घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना चुनौती होगी. अब तक राज्य के 61.30 घरों में से सिर्फ 24.04 लाख घरों तक ही नल से जल पहुंचाया जा सका है. जल जीवन मिशन योजना में सरकार की उपलब्धि 39.23 प्रतिशत है.
वहीं राष्ट्रीय औसत 65.25 प्रतिशत है. चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में तीन लाख 65 हजार 971 घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचा है. जून माह में 1.20 लाख घरों में नल का कनेक्शन दिया गया है. राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण पेयजलापूर्ति की सभी योजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है. पाकुड़ जिला की स्थिति सबसे खराब है. यहां पर सिर्फ 11% घरों तक पेयजल पहुंचाया जा सका है.
10 हजार योजनाएं अब तक धरातल पर नहीं उतरी : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से जल जीवन मिशन के तहत राज्य में चल रहे हर घर नल जल योजना की स्थिति अच्छी नहीं है. पिछले वित्तीय वर्ष में जिन योजनाओं को स्वीकृति मिली थी, उसमें से 10 हजार योजनाओं का काम अभी तक जमीन पर शुरू नहीं हो पाया है.