JBVNL का DVC के पास है 4 हजार करोड़ का बकाया, अब कंपनी बैंकों से कर्ज लेने की कर रही है तैयारी
जेबीवीएनएल डीवीसी, एनटीपीसी, पीटीसी जैसी कंपनियों का बकाया चुकाने के लिए 6 हजार करोड़ रुपये लोन लेगी. डीवीसी के चेयरमैने ने कहा है कि अकेले झारखंड पर कंपनी का 4 हजार करोड़ रुपये बकाया है.
रांची : डीवीसी, एनटीपीसी, पीटीसी जैसी कंपनियों का बकाया चुकाने के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) छह हजार करोड़ रुपये का लोन लेगा. यह लोन भारत सरकार के इलेक्ट्रिसिटी (लेट पेमेंट सरचार्ज एंड रिलेटेड मैटर्स) रूल्स 2022 के तहत लिया जायेगा. आपको बता दें कि डीवीसी झारखंड समते 8 राज्यों को बिजली देता है.
लेकिन झारखंड को छोड़कर सभी जिलों के लोग समय पर 100 फीसदी भुगतान करते हैं. डीवीसी के चेयरमेन ने बताया है कि राज्य सरकार पर ही कंपनी का 4 हजार करोड़ रुपये बकाया है. हालांकि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद किश्तों में बकाया राशि भुगतान करने के लिए राजी हुई है. ज्ञात हो कि भारत सरकार ने सभी बिजली कंपनियों का बकाया चुकाने का निर्देश दिया है. इसके लिए किस्तों में बकाया चुकाने की सुविधा दी गयी है, जिसमें बकाये राशि के अनुरूप किस्त बनायी गयी है.
इधर, इस रूल्स के आने के बाद जेबीवीएनएल ने सरकार से अनुमति लेकर बैंकों से लोन का प्रस्ताव मंगाया है. जेबीवीएनएल ने एक्सप्रेशन अॉफ इंटरेस्ट निकाल कर बैंकों से कर्ज की दर व प्रस्ताव मांगा गया है. रूल्स के नियम पांच के तहत किस्तों में भुगतान की सुविधा दी गयी है.
यानी जेबीवीएनएल बैंक से लोन लेकर किस्त अनुसार भुगतान करायेगा. रूल्स-5 के तहत 500 करोड़ तक का बकाया होने पर 12 किस्तों, 1000 करोड़ तक का बकाया होने पर 20 किस्तों, 2000 करोड़ तक का बकाया होने पर 28 किस्तों, चार हजार करोड़ तक का बकाया होने पर 34 किस्तों, 10 हजार करोड़ तक का बकाया होने पर 40 किस्तों और 10 हजार करोड़ से अधिक बकाया होने पर 48 किस्तों में भुगतान किया जा सकेगा.
भारत सरकार का यह रूल सभी वितरण, उत्पादन और ट्रांसमिशन कंपनियों के बकाये चुकाने के लिए लाया गया है. हाल के दिनों में बिजली उत्पादक कंपनियों ने भारी बकाये की बात कहकर कोयला खरीदने में असमर्थता जतायी थी. इसके बार यह रूल लाया गया है और सभी राज्य बिजली वितरण निगम को तीन जून 2022 तक का बकाया किस्तों में चुकता करने का निर्देश दिया गया है.
जेबीवीएनएल पर कितना है बकाया
जेबीवीएनएल पर डीवीसी के 3900 करोड़, एनटीपीसी के 350 करोड़, आधुनिक पावर के 350 करोड़ व पीटीसी के 400 करोड़ रुपये बकाया हैं. वहीं चार हजार करोड़ के करीब तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड का बकाया है. बताया गया कि लोन मिलने से इन कंपनियों के बकाये का भुगतान किस्तों में हो सकेगा और इन कंपनियों द्वारा निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी.
Posted By: Sameer Oraon