केंद्र सरकार के इशारे पर सरकारी स्वतंत्र जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और जनतांत्रिक तरीके से चुनी गयी राज्य सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र के खिलाफ शनिवार को यूपीए घटक दल में शामिल दलों की ओर से राज्य से भी जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर विरोध जताया गया. इसी क्रम में राजधानी रांची में घटक के नेताओं ने राजभवन के समक्ष धरना देकर विरोध जाताया. साथ ही भाजपा व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
सरकार को अपदस्थ करना चाहती है भाजपा
कहा कि भाजपा साजिश के तहत चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करना चाहती है. इसकी मंशा को कभी सफल नहीं होने दिया जायेगा. केंद्र सरकार की साजिश के खिलाफ घटक दलों का क्रमबद्ध आंदोलन जारी रहेगा. गांव, मुहल्ले टोले में जाकर कार्यकर्ता अपना विरोध दर्ज करायेंगे. धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता झामुमो जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम ने की. वहीं, संचालन जिला सचिव डॉ हेमलाल मेहता हेमू ने किया. इसके बाद घटक दलों झामुमो, कांग्रेस व राजद के नेताओं की ओर से उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया. साथ ही चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करने की साजिश पर रोक लगाने की मांग की गयी. इस दौरान नेता-कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे थे.
जरूरत पड़ी तो रेल पटरी व एनएच में करेंगे विरोध : झामुमो
झामुमो के केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर सरकारी स्वतंत्र जांच एजेंसियों के दुरुपयोग व जनतांत्रिक तरीके से चुनी गयी सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र के खिलाफ शनिवार से यूपीए महागठबंधन में शामिल घटक दलों के आंदोलन का आगाज हो चुका है. घटक दलों के नेताओं- कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर पूरे राज्य में आंदोलन किया. अब यह आंदोलन गांव, टोले व मुहल्लों तक जायेगा. जरूरत पड़ी तो रेल की पटरी, एनएच और हवाई अड्डे पर बैठ कर हम अपना विरोध जतायेंगे. उन्होंने कहा िक पार्टी के कार्यकर्ता ऐसी किसी साजिश को सफल नहीं होने देंगे, जिससे झारखंडी हित को नुकसान पहुंचे.
मुख्यमंत्री के तय कार्यक्रम को कैसे रोका जा सकता है
पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री भट्टाचार्य ने इडी की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की वजह से गुजरात के चुनाव रूक सकता है, तो आप मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को कैसे रोक सकते हैं. हमें किसी जांच से डर नहीं है, बशर्ते प्रक्रियाओं का पालन किया जाये. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वकील वैभव तोमर ने एक नवंबर को भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है. इसमें पूछा गया है कि राज्यपाल की ओर से रायपुर में एटम बम व सेकेंड ओपिनियन की बात कही गयी है, इसमें कितनी सच्चाई है. नैसर्गिक न्याय के तहत यह जरूरी है कि पहला ओपिनियन मिले. ऐसा नहीं हो कि कोई असंवैधानिक कदम उठा लिया जाये. पत्र भेजने के पांच दिन बीतने के बावजूद निर्वाचन आयोग का जवाब अब तक नहीं आया है. रोज एक नया ड्रामा खड़ा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 11 नवंबर को विधानसभा में खतियान आधारित स्थानीय नीति व पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण का मामला आने वाला है. इससे पहले सरकार को कैसे विचलित किया जाये, इसका प्रयास भाजपा की ओर से किया जा रहा है. झारखंड में पड्यंत्र रच कर भाजपा की सरकार बनाने की मंशा कभी भी सफल नहीं होने वाली है.
धरना में ये हुए शामिल
मौके पर झामुमो के झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य , राज्यसभा सांसद डॉ महुआ माजी, कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, झामुमो नेता नंदकिशोर मेहता, प्रो अशोक कुमार सिंह, राजद के प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष राजेश यादव, कांग्रेस के सुरेश बैठा, रतिलाल महली, संजर खान, सुरेन राम, जगदीश साहु, झामुमो के अश्विनी शर्मा, बीरू तिर्की, जनक नायक, बीरू साहु, कलाम आजाद, रामानंद बेदिया, एलकेएन शाहदेव, आदिल इमाम, जुलफीकार खान, प्रदीप भोगता समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे.