रांची : बागी होकर चुनाव लड़ रहे झामुमो के नेताओं पर पार्टी ने कार्रवाई शुरू कर दी है. पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने बंसत लौंगा को छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. पूर्व विधायक बसंत बागी होकर खूंटी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
इस बाबत श्री लौंगा को जो पत्र भेजा गया है, उसमें लिखा है कि बसंत लौंगा ने खूंटी लोकसभा क्षेत्र से नामांकन कर गठबंधन धर्म के विपरीत कार्य किया है. पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के आदेश पर उन्हें पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया जाता है. हालांकि चमरा लिंडा के खिलाफ अभी कार्रवाई नहीं की गयी है. लोहरदगा सीट से झामुमो के विधायक चमरा लिंडा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
कौन हैं बसंत लौंगा
बता दें कि बसंत लौंगा 1995 से लेकर 2000 तक कोलेबिरा से झामुमो के विधायक रह चुके हैं. फिलहाल उन्होंने खूंटी लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया है. जबकि इस सीट से इंडिया गठबंधन ने कालीचरण मुंडा को अपना उम्मीदवार बनाया है. बसंत 2002 से लेकर साल 2014 तक सिमडेगा झामुमो जिला समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
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झामुमो विधायक चमरा लिंडा भी हुए बागी
लोहरदगा सीट कांग्रेस के खाते में जाने के बाद विशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान पर हैं. उन्हें हाल में ही बल्लेबाज चुनाव चिंन्ह मिला है. जबकि उस सीट से इंडिया गठबंधन की तरफ से सुखदेव भगत उम्मीदवार हैं. चमरा लिंडा की बात करें तो वह विशुनपुर विधानसभा क्षेत्र से 3 बार के विधायक हैं. इसके अलावा वह 2 बार 2009 और 2014 में लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं.