झारखंड में खरीफ के मौसम में 2950 हजार टन ही हुआ धान

राज्य सरकार ने 2023 के मॉनसून में हुई बारिश को देखते हुए 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया है. सात जिलों के सभी प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित हुए हैं. जमीनी स्थिति का आकलन के आधार पर चतरा, देवघर, धनबाद, गढ़वा, गिरिडीह, लातेहार व पलामू जिले के सभी प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित हैं

By Sameer Oraon | February 18, 2024 8:32 AM


मनोज सिंह, रांची: झारखंड में खरीफ के मौसम में करीब 2950 हजार टन धान का उत्पादन हुआ है. करीब 1165 हजार हेक्टेयर में ही धान लग पाया था. बीते साल भी खरीफ के मौसम में समय पर बारिश नहीं हो पायी थी. इस कारण राज्य के सूखा पड़ गया था. राज्य सरकार ने 1640 हजार हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इसकी तुलना में करीब 1185 हजार हेक्टेयर में ही धान लग पाया था. सरकार ने जो उत्पादन लक्ष्य रखा था, उसका आधा ही धान का उत्पादन हो पाया है. खरीफ-23 में कृषि विभाग ने कुल 1751 हजार हेक्टेयर में कई प्रकार का फसल लग पाया था. इतनी जमीन पर 3820 हजार टन खाद्यान्न का उत्पादन हो पाया था. कृषि विभाग ने खरीफ के उत्पादन की रिपोर्ट केंद्र सरकार को फरवरी माह में भेजी है. इसमें विभिन्न फसलों के उत्पादन की जानकारी दी है.

158 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित है :

राज्य सरकार ने 2023 के मॉनसून में हुई बारिश को देखते हुए 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया है. सात जिलों के सभी प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित हुए हैं. जमीनी स्थिति का आकलन के आधार पर चतरा, देवघर, धनबाद, गढ़वा, गिरिडीह, लातेहार व पलामू जिले के सभी प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित हैं. इससे करीब 15 लाख से अधिक किसान प्रभावित हैं. खरीफ के सीजन में सरकार ने 2.82 लाख हेक्टेयर में फसल लगाने का लक्ष्य रखा था. जिसमें 16.13 लाख हेक्टेयर में ही धान लगा था. स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग ने ग्राउंट ट्रूथिंग कराया था. जिस पर 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है.

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