profilePicture

Jharkhand Land Mutations Act -2020 : आ रहा है बिल- राजस्व से जुड़े अफसरों पर नहीं होगी कार्रवाई

राज्य में अब सीओ सहित राजस्व से जुड़े अन्य अधिकारियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. ‘झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट-2020’ के लिए तैयार बिल में यह प्रावधान किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2020 4:51 AM
an image

शकील अख्तर, रांची : राज्य में अब सीओ सहित राजस्व से जुड़े अन्य अधिकारियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. ‘झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट-2020’ के लिए तैयार बिल में यह प्रावधान किया गया है. इस बिल को कैबिनेट की सहमति भी मिल चुकी है. विधानसभा के मॉनसून सत्र में इस बिल को पेश कर पारित कराया जायेगा.

सुभद्रा देवी बनाम झारखंड सरकार व अन्य के मामले में म्यूटेशन और जमाबंदी के मामले में उभरे विवाद के मद्देनजर राज्य सरकार ने बिहार की तर्ज पर म्यूटेशन एक्ट बनाने का फैसला किया था. बिहार सरकार ने ‘बिहार लैंड म्यूटेशन एक्ट-2011’ बना कर लागू कर लिया है. इसमें म्यूटेशन, जमाबंदी रद्द करने और किसानों की खाता पुस्तिका आदि के लिए प्रावधान किया गया है. इसी तर्ज पर राज्य सरकार ने ‘झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट-2020’ बनाने के लिए इससे संबंधित बिल तैयार किया है.

बिहार की तर्ज पर बना रहे कानून, पर शिकायत का अधिकार नहीं : ‘झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट-2020’ और ‘बिहार लैंड म्यूटेशन एक्ट-2011’ में म्यूटेशन, जमाबंदी रद्द करने और खाता पुस्तिका से संबंधित किये गये प्रावधान आदि एक समान है. बिहार के कानून में जमीन के मामले में किसी तरह की गड़बड़ी होने की स्थिति में आम नागरिक को सीओ सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने या न्यायालय में कंप्लेन केस दर्ज करने का अधिकार है.

यानी बिहार सरकार ने आम आदमी के अधिकार को सुरक्षित रखा है. हालांकि, झारखंड लैंड म्यूटेशन एकट-2020 में बिहार के मुकाबले एक अतिरिक्त प्रावधान जोड़ कर आम आदमी के अधिकार को समाप्त कर दिया गया है.

इस एक्ट की धारा-22 में किये गये प्रावधान के तहत अब कोई अंचलाधिकारी व अन्य द्वारा जमीन से संबंधित मामलों के निबटारे के दौरान किये गये किसी काम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है. कोई न्यायालय इन अधिकारियों के खिलाफ किसी तरह का सिविल या क्रिमिनल केस दर्ज नहीं कर सकेगा. अगर किसी न्यायालय में किसी अधिकारी के खिलाफ जमीन से संबंधित सिविल या क्रिमिनल मुकदमा चल रहा हो, तो उसे समाप्त कर दिया जायेगा.

  • राज्य सरकार ने तैयार किया झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट-2020 का बिल

  • कैबिनेट ने दे दी मंजूरी, विधानसभा के मॉनसून सत्र में पेश किया जायेगा

  • दो बार पहले भी पेश हुआ था बिल, पर नामंजूर कर दिया था

झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट-2020’ के लिए तैयार बिल में जोड़े गये इस प्रावधान को वर्ष 2019 में ‘रेवेन्यू प्रोटेक्शन एक्ट’ के रूप में पारित कराने का प्रयास हुआ था. राजस्व अधिकारियों की सुरक्षा के नाम पर तैयार उक्त एक्ट को कैबिनेट में दो बार पेश किया गया था. हालांकि, कैबिनेट ने दोनों बार इसे अस्वीकार कर दिया था. तर्क दिया गया था कि इससे आम आदमी के अधिकारों का हनन होता है.

Post by : Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version