जमीन घोटाला मामले में बड़गाईं अंचल में ईडी की छापेमारी, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त
ईडी को छापेमारी के दौरान कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिसमें जमीन के कारोबार में बड़े और प्रभावशाली लोगों के शामिल होने के सबूत हैं. इसमें रंगीन टैग लगा कर अधिकारियों और राजनीतिज्ञों के नाम लिखे गये हैं.
रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बुधवार को रांची के बड़गाईं अंचल कार्यालय में छापेमारी की. इस दौरान जमीन की हेराफेरी से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये गये. फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन का कारोबार करनेवाले गिरोह के सरगना अफसर अली के घर से जब्त किये गये 36 फर्जी दस्तावेज से संबंधित महत्वपूर्ण कागजात भी ईडी की टीम ने अंचल कार्यालय से जब्त किये हैं. इन दस्तावेजों से अफसर अली और अंचल कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ उसके मधुर संबंध होने के सबूत मिले हैं. साथ ही फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन के कारोबार में अंचल अधिकारियों के भी शामिल रहने की पुष्टि होती है.
बुधवार को हुई छापेमारी के दौरान कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिसमें जमीन के कारोबार में बड़े और प्रभावशाली लोगों के शामिल होने के सबूत हैं. इस तरह के दस्तावेज में रंगीन टैग लगा कर अधिकारियों और राजनीतिज्ञों के नाम लिखे गये हैं. गौरतलब है कि बरियातू स्थित जिस 8:50 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई है, वह जमीन बड़गाईं अंचल के ही अंतर्गत आती है. वहीं, इसी मामले में इसी अंचल कार्यालय का राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद को भी इडी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
ईडी की टीम ने 13 अप्रैल को जमीन घोटाला मामले की छानबीन के दौरान भानु प्रताप प्रसाद के घर, रिम्स के निलंबित अफसर अली, सद्दाम, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान समेत कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उस दौरान फर्जी कागजात की आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े कई दस्तावेज मिले थे. भानु प्रताप प्रसाद के घर से कई ट्रंक में रखे जमीन से जुड़े दस्तावेज मिले थे, जिसमें सेना के कब्जेवाली और चेशायर होम रोड की जमीन से जुड़े दस्तावेज भी शामिल थे. इसके बाद इडी ने भानु को 14 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया था. रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, कारोबारी विष्णु अग्रवाल समेत कई लोग इसी मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं.