रांची के पूर्व उपायुक्त छविरंजन ने 150 पुलिस जवानों को तैनात कर जिस हेहल अंचल के बजरा मौजा के 7.16 एकड़ जमीन की घेराबंदी करवायी, उसके दस्तावेज रजिस्ट्री कार्यालय से गायब पाये गये हैं. इडी को जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली है. इस जमीन का म्यूटेशन और घेराबंदी तत्कालीन उपायुक्त छविरंजन के आदेश पर आनन-फानन में किया गया था. इस बीच इडी द्वारा जारी समन के आलोक में चार मई को छविरंजन से पूछताछ की तिथि निर्धारित है. जमीन की हेराफेरी के मामले में आठ मई को विष्णु अग्रवाल और 10 मई को जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप घोष से पूछताछ होगी.
इस पूरे प्रकरण में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तत्कालीन सब रजिस्ट्रार राहुल चौबे ने दस्तावेज के गायब होने की सूचना उपायुक्त कार्यालय को भेजी थी. फिर भी छविरंजन ने सादा पंचनामा को आधार बना कर इस जमीन का म्यूटेशन करने का आदेश दिया.
सेना के कब्जेवाली जमीन के अलावा चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद बिक्री मामले में भी छविरंजन की भूमिका संदेहास्पद पाये जाने के बाद इडी ने 13 अप्रैल को उनके और जमीन कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा. इसके बाद इडी ने छविरंजन से पूछताछ के लिए 21 अप्रैल को हाजिर होने के लिए समन भेजा था. वकील के माध्यम से समय मांगने के बाद इडी ने 21 को ही दूसरा समन जारी कर उसी दिन शाम चार बचे तक हाजिर होने का निर्देश दिया था.
दूसरे समन के बाद छवि रंजन के रांची से बाहर होने की जानकारी देते हुए समय की मांग की गयी. इडी ने उन्हें 24 अप्रैल को हाजिर होने के लिए समन जारी किया. 24 अप्रैल को पूछताछ के बाद उन्हें पहले एक मई को हाजिर होने का निर्देश दिया गया था. लेकिन बाद में तिथि में बदलाव करते हुए चार मई कर दिया गया. इडी ने आठ मई को व्यापारी विष्णु अग्रवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है.
विष्णु अग्रवाल का संबंध चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की खरीद बिक्री से है. इस खरीद बिक्री की रकम में से 1.50 करोड़ प्रेम प्रकाश को मिला है. इडी ने 10 मई को जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप घोष को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है. उसका संबंध सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद बिक्री से है.