झारखंड: ED को जमीन खरीद बिक्री के सिलसिले में किस बॉस की है तलाश, राजस्व कर्मचारी के मोबाइल पर मिला था ब्योरा
जमीन का ब्योरा तैयार करने के दौरान उसे जानकारी मिली थी कि यह जमीन किसी ‘बॉस’ की है. राजस्व कर्मचारी ने जमीन की मापी के बाद अपनी रिपोर्ट अंचल कार्यालय में सौंप दी.
रांची: जमीन की खरीद-बिक्री मामले की जांच के सिलसिले में इडी को किसी ‘बॉस’ की तलाश है. दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री की जांच के दौरान बड़गाईं के राजस्व कर्मचारी के मोबाइल से ‘बॉस’ की जमीन का ब्योरा मिला था. राजस्व कर्मचारी को इस जमीन का विस्तृत ब्योरा तैयार कर अपनी रिपोर्ट अंचल अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया गया था. राजस्व कर्मचारी ‘बॉस’ का नाम नहीं बता पा रहा है. इडी को फिलहाल उस ‘बॉस’ की तलाश है, जिसके लिए कर्मचारी ने जमीन का ब्योरा तैयार किया था. इडी ने जमीन की खरीद-बिक्री मामले में रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन, बड़गाईं के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद सहित अन्य के ठिकानों पर छापा मारा था. छापामारी के दौरान राजस्व कर्मचारी के घर से अंचल कार्यालय में रखे जानेवाले जमीन के मूल दस्तावेज मिले थे. इडी ने छापामारी के दायरे में शामिल लोगों का मोबाइल भी जब्त किया था. इसी क्रम में इडी ने राजस्व कर्मचारी का मोबाइल भी जब्त किया था. उसके मोबाइल की जांच के दौरान एक जमीन का ब्योरा मिला था. पूछताछ के दौरान राजस्व कर्मचारी ने बताया था कि उक्त जमीन बरियातू डीएवी स्कूल के पास है.
पत्थर से जमीन की बाउंड्री की गयी है. इसमें एक आउट हाउस भी बना है, जिसमें कुछ लोग रहते हैं. वह इस जमीन का विस्तृत ब्योरा तैयार करने और मापने के लिए अंचल के अमीन के साथ गया था. जमीन का ब्योरा तैयार करने के दौरान उसे जानकारी मिली थी कि यह जमीन किसी ‘बॉस’ की है. राजस्व कर्मचारी ने जमीन की मापी के बाद अपनी रिपोर्ट अंचल कार्यालय में सौंप दी. जांच में उसने यह पाया कि बरियातू डीएवी स्कूल के पास की इस जमीन का कुल रकबा 8.46 एकड़ है. पूरी जमीन कुल 12 प्लॉटों में बंटी हुई है. खाता नंबर 221 जमीन भुइंहरी प्रकृति की है. खाता नंबर-210, 234, 223 और 227 में निहित जमीन बकास्त भुइंहरी प्रकृति की है. खाता नंबर-221 के प्लॉट नंबर-983 की जमीन कुश कुमार भगत वगैरह के नाम दर्ज है. खाता नंबर-109 की जमीन आरएस खतियान में लोधा पाहन के नाम दर्ज है. खाता नंबर-210 की जमीन का कुछ हिस्सा शशिभूषण सिंह, भवानी शंकर लाल और बुधन राम वगैरह के नाम पर दर्ज है.
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