झारखंड के जालसाजों ने बेच दी गैरमजरुआ की भी जमीन, फर्जी कंपनियों से लाखों का लेन-देन
जालसाजी कर तैयार किये गये 26.35 एकड़ गैरमजरुआ खास जमीन के दस्तावेज मिले थे. इसमें भिठा मौजा की 12.09 एकड़, मौजा बड़गाईं की 5.01 एकड़ और नेवरी की 39.25 एकड़ जमीन शामिल है.
मनी लाउंड्रिंग के आरोप में फंसे जमीन माफिया ने 3.81 एकड़ गैरमजरुआ खास जमीन बेच दी. इस खरीद-बिक्री के लिए जालसाज गिरोह ने सरस्वती देवी नामक महिला को जमीन का फर्जी मालिक बनाया. सरस्वती देवी कोलकाता निवासी काली राम सिंह की पत्नी है. जमीन कारोबारी तलहा खान के खाते में चार साल के दौरान 12.35 करोड़ रुपये जमा हुए थे. इसमें से 1.28 करोड़ रुपये की नकद निकासी हुई थी.
जांच में पाया गया कि रांची के जमीन माफिया ने पैसों के लेन-देन के लिए कई कंपनियां बना रखी थीं. इसमें ग्रीन ट्रेडर्स, एफ2आर कंस्ट्रक्शन प्रालि का नाम शामिल है. गिरोह के सदस्यों द्वारा इन्हीं कंपनियों के खातों के सहारे पैसों का लेन-देन किया जाता था. इडी द्वारा गिरफ्तार किये गये जमीन माफिया ने रैयती जमीन के दस्तावेज में जालसाजी करने के अलावा गैरमजरुआ खास जमीन के दस्तावेज में भी जालसाजी कर उसकी खरीद-बिक्री है.
इनके कब्जे से जालसाजी कर तैयार किये गये 26.35 एकड़ गैरमजरुआ खास जमीन के दस्तावेज मिले थे. इसमें भिठा मौजा की 12.09 एकड़, मौजा बड़गाईं की 5.01 एकड़ और नेवरी की 39.25 एकड़ जमीन शामिल है. गिरफ्तार जमीन कारोबारियों ने बड़गाईं मौजा की जमीन से 3.81 एकड़ गैरमजरुआ खास जमीन बेच दी है. खाता नंबर-256 के प्लॉट नंबर-891, 893 व 903 की जमीन को बेचने के लिए पहले सरस्वती देवी को फर्जी मालिक बनाया गया. सरस्वती देवी गिरोह के लखन सिंह नामक व्यक्ति की मां और काली राम सिंह की पत्नी है. इस जमीन की बिक्री से मिली रकम का बंटवारा देवेश, भरत, अफसर अली, इम्तियाज, जाहिद और फैयाज के बीच हुआ.