Jharkhand News, Ranchi: झामुमो ने कहा है कि सीएम हेमंत सोरेन द्वारा 80 डिसमिल पत्थर उत्खनन के लिए माइनिंग लीज लेने का मामला जनप्रतिनिधित्व कानून-1951 के 9ए के तहत नहीं आता है़ भाजपा इस मामले में भ्रम फैला रही है़ सरकार को अस्थिर करने की साजिश कर रही है़ नैसर्गिक न्याय के तहत चुनाव आयोग को भी मुख्यमंत्री का पक्ष सुनना होगा़ शुक्रवार को झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस मामले में विभिन्न न्यायालयों के आदेश का हवाला देते हुए मामले को साफ करने का प्रयास किया़
झामुमो विधायक श्री सोनू ने कहा कि 1964 से लेकर 2006 तक ऐसे मामले कोर्ट में समीक्षा के लिए आते रहे है़ं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 9ए का मामला किसी भी कांट्रैक्ट को टच नहीं करता है़ यह मामला सरकार से कांट्रैक्ट लेने, सरकार से किसी गुड की सप्लाई करने, सड़कें बनाने, बांध बनाने, सिंचाई परियोजना, किसी बिल्डिंग को बनाने का कांट्रैक्ट की श्रेणी में आना चाहिए़. 1964 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि खनन पट्टा ना ही कोई कांट्रैक्ट है, ना ही माल आपूर्ति का कांट्रैक्ट है.
मुख्यमंत्री ने मामले को छिपाया भी नहीं
उन्होंने कहा कि 2001 में सुप्रीम कोर्ट के प्रताप सिंह बधाना बनाम हरि सिंह मालवा के केस में तीन जजों के बेंच ने कहा था कि खनन पट्टा सरकार के द्वारा किये गये कार्य के निष्पादन में नहीं आता है़ विधायक श्री सोनू ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले को छिपाया भी नहीं है़ चुनाव शपथ पत्र में इसकी घोषणा की है़ शपथ पत्र में बताया कि इस लीज का रिन्यूवल पेडिंग है़ इस पूरे मामले में भाजपा ऐसा कर रही है, जैसे यह दंडनीय अपराध है और जैसे सरकार गिरने जा रही है़
विधायक ने कहा कि यह 80 डिसमिल की माइंस है़ एक एकड़ से कम है़ उपायुक्त के स्तर से इसका निष्पादन होता है़ माइंस मंत्री रहते हुए हेमंत सोरेन के स्तर से कुछ नहीं हुआ है़ इस माइंस से एक छटाक का भी उत्खनन नहीं हुआ है़ इस माइंस में बिजली का कनेक्शन नहीं लिया गया है, जीएसटी नहीं लिया गया है़ इस माइंस में कंसेन टू ऑपरेट नहीं है़ इससे कोई आय नहीं हुआ है़ नैतिक मर्यादा के बाद मुख्यमंत्री ने इस लीज को वापस कर दिया है़
नेतृत्व के दबाव में हो सकता है एकपक्षीय फैसला
चुनाव आयोग की भूमिका पर श्री सोनू ने कहा कि चुनाव आयोग दबाव में एकपक्षीय फैसला कर सकता है़ ऐसा कुछ होता है, तो न्यायालय जायेंगे़ विधायक श्री सोनू ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को कानून के दायरे में व्यवसाय करने का अधिकार है़ एक नागरिक के तौर पर रोजगार इंज्वाय कर सकता है़ कोई भी मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक-सांसद व्यापार कर सकता है़ कानून के दायरे में वह यह सब कर सकता है़
ऐसा है क्या कि किसी मुख्यमंत्री या किसी निर्वाचित जनप्रतिनिधि को भगवा पहन लेना चाहिए और लंगोट में सदन जाना चाहिए़ उन्होंने कहा कि मनीष जायसवाल और सुदेश कुमार महतो भी व्यवसाय करते हैं. सुदेश महतो सुदर्शन ग्रुप में शेयर होल्डर है़ं भाजपा नेता नितिन गडकरी की बड़ी कंपनी है़ किसी भी व्यक्ति को व्यापार करने का अधिकार है, चाहे वह मुख्यमंत्री का प्रेस सलाहकार हो या उनके प्रतिनिधि को व्यापार करने का अधिकार है़
Posted by: Pritish Sahay