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शराब बेचने के लिए झारखंड सरकार रखेगी दैनिक मजदूरी पर सेल्समैन, राजस्व में पड़ रहे असर को देखते हुए लिया फैसला

कई जिलों में प्लेसमेंट एजेंसी के चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. जिसका असर शराब की बिक्री से राज्य सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व पर पड़ रहा है.

रांची : राज्य सरकार शराब बेचने के लिए दैनिक मजदूरी पर सेल्समैन रखेगी. राज्य के वैसे जिले, जहां प्लेसमेंट एजेंसी का चयन नहीं किया गया है, वहां दैनिक मजदूरी पर सेल्समैन नियुक्त कर शराब की खुदरा बिक्री की जायेगी. उत्पाद विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा है. प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य में झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन किया जाता है. जेएसबीसीएल प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों की दुकानों में शराब की खुदरा बिक्री कर रही है.

लेकिन कई जिलों में प्लेसमेंट एजेंसी के चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. जिसका असर शराब की बिक्री से राज्य सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व पर पड़ रहा है. राजस्व हित में प्लेसमेंट एजेंसी का चयन होने तक उन जिलों में आपात व्यवस्था के तहत दैनिक पारिश्रमिक के रूप में विक्रेताओं की सेवा प्राप्त कर खुदरा दुकानों का संचालन किया जायेगा. इसके लिए झारखंड उत्पाद नियमावली 2022 में आवश्यक संशोधन करने पर कैबिनेट की सहमति ली जायेगी. संभवत: गुरुवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने की संभावना है.

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राजस्व में आयी है कमी

झारखंड में शराब से प्राप्त होनेवाले राजस्व में पिछले चार माह में लगभग 50 करोड़ की कमी आयी है. इस वर्ष एक मई से नयी व्यवस्था के तहत खुदरा शराब की बिक्री की जा रही है. एक मई से नयी एजेंसी को खुदरा शराब बेचने की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया था. सरकार ने खुदरा शराब बेचने के लिए प्लेसमेंट एजेंसी का चयन होने तक जेएसबीसीएल को खुदरा शराब बेचने की जिम्मेदारी दी. मई में पांच जिलों में खुदरा शराब बेचने के लिए प्लेसमेंट एजेंसी का चयन हो सका था, 19 जिलों में जेएसबीसीएल द्वारा खुदरा शराब की बिक्री की गयी, तो सरकार को 200 करोड़ का राजस्व मिला.

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