उत्पाद विभाग कह रहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार को शराब से रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है. शराब से सरकार को 2054 करोड़ रुपये मिले हैं. पर इस राजस्व का अपना गणित है. जानकारी के मुताबिक शराब बेच कर सरकार को 1719 करोड़ रुपये ही मिले हैं. शेष 335 करोड़ रुपये बैंक गारंटी जब्ती, बार लाइसेंस, लेबल रजिस्ट्रेशन और जेएसबीसीएल द्वारा दिये गये हैं.
दरअसल, सरकार ने वर्ष 2022 में नयी उत्पाद नीति लागू की थी. इसके तहत सरकार ने दो निजी कंपनियों को शराब का थोक कारोबार एवं पांच प्लेसमेंट एजेंसियों को खुदरा शराब बेचने की जिम्मेदारी दी थी. पर प्लेसमेंट एजेंसी तय शर्त के अनुरूप शराब नहीं बेच सकी. इसके कारण उत्पाद विभाग ने प्लेसमेंट एजेंसियों के 44 करोड़ एवं थोक शराब उपलब्ध कराने के लिए चयनित दोनों कंपनियों की 36 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त कर ली.
शराब के कुल राजस्व में जब्त 80 करोड़ रुपये की यह राशि भी शामिल है. इसके अलावा बार लाइसेंस, लेबल रजिस्ट्रेशन से प्राप्त 75 करोड़ रुपये भी 2054 करोड़ के राजस्व में शामिल हैं. ऐसे में कुल राजस्व में 155 करोड़ जब्त की गयी राशि एवं लाइसेंस फीस शामिल है. इसके अलावा झारखंड स्टेट ब्रिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) ने भी 180 करोड़ रुपये सरकार के खजाने में जमा कराये हैं.
उत्पाद विभाग को शराब बेचने से शुद्ध राजस्व लगभग 1719 करोड़ रुपये मिले हैं. इसमें एक्साइज ड्यूटी एवं एक्साइज ट्रांसपोर्ट ड्यूटी से प्राप्त राजस्व शामिल हैं. 2054 करोड़ के राजस्व में सबसे अधिक राशि इस मद में ही मिली है. इससे पूर्व वर्ष 2019-20 में जब सबसे अधिक 2009 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई थी, उस वर्ष 1634 करोड़ रुपये एक्साइज ड्यूटी एवं एक्साइज ट्रांसपोर्ट ड्यूटी से प्राप्त हुए थे.
पिछले वर्ष राज्य में सरकार ने नयी उत्पाद नीति लागू की थी. इसके तहत पहले 2500 करोड़ का राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. नयी नीति के तहत शराब की बिक्री एक मई से शुरू हुई. इस कारण सरकार ने राजस्व का लक्ष्य घटा कर 2310 करोड़ कर दिया, परंतु रिकॉर्ड राजस्व के बाद भी विभाग इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सका. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भी राजस्व का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए शराब का 2360 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा गया है.
उत्पाद विभाग की जेएसबीसीएल पर 75 करोड़ की देनदारी भी है. इसमें लगभग 45 करोड़ की देनदारी शराब आपूर्ति करनेवाले सप्लायर की है. इसके अलावा खुदरा शराब बेचनेवाली प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मियों का भी दिसंबर के बाद से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. 30 करोड़ वेतन मद में भी अभी देना है.
एक्साइज ड्यूटी 1719 करोड़
लाइसेंस से प्राप्त शुल्क 75 करोड़
प्लेसमेंट एजेंसी से जब्त बैंक गारंटी 44 करोड़
थोक शराब उपलब्ध करानेवाली एजेंसी से जब्त राशि 36 करोड़
जेएसबीसीएल द्वारा जमा की गयी राशि 180 करोड़
वर्ष राशि
2001-02 101
2002-03 101
2003-04 94
2004-05 152
2005-06 159
2006-07 127
2007-08 149
2008-09 204
वर्ष राशि
2009-10 329
2010-11 407
2011-12 492
2012-13 593
2013-14 643
2014-15 764
2015-16 915
2016-17 957
वर्ष राशि
2017-18 847
2018-19 1082
2019-20 2009
2020-21 1821
2021-22 1806
2022-23 2054
नोट : राशि करोड़ रुपये में है