झारखंड में शराब बेचने वाली कंपनी और प्लेसमेंट एजेंसी से होगी राजस्व की भरपाई, हुआ 448 करोड़ का सर्टिफिकेट केस
झारखंड में उत्पाद नीति के तहत एक अप्रैल की जगह एक मई से शराब की बिक्री शुरू हुई. इस कारण राजस्व का लक्ष्य 2500 से घटाकर 2310 करोड़ दिया गया
झारखंड में शराब बेचनेवाली कंपनी और प्लेसमेंट एजेंसी से राजस्व के नुकसान की भरपाई करायी जायेगी. इसके लिए झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) ने संबंधित एजेंसी पर लगभग 448 करोड़ का सर्टिफिकेट केस किया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में नयी उत्पाद नीति के तहत राज्य में चार प्लेसमेंट एजेंसियों को शराब बेचने की जिम्मेदारी दी गयी थी. नयी उत्पाद नीति के 2500 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
उत्पाद नीति के तहत एक अप्रैल की जगह एक मई से शराब की बिक्री शुरू हुई. इस कारण राजस्व का लक्ष्य 2500 से घटाकर 2310 करोड़ दिया गया. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2054 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. इसमें 1719 करोड़ का राजस्व शराब बेच कर मिला है. शेष 335 करोड़ रुपये बैंक गारंटी जब्ती, बार लाइसेंस, लेबल रजिस्ट्रेशन और जेएसबीसीएल द्वारा जमा किये गये हैं.
चार प्लेसमेंट एजेंसियों को दी गयी थी जिम्मेदारी
राज्य में खुदरा शराब बेचने की जिम्मेदारी चार प्लेसमेंट एजेंसियों को दी गयी थी. इनमें सुमित फैसिलिटीज, ए टू-जेड इंफ्रास्ट्रक्चर, इगल हंटर सॉल्यूशन लिमिटेड व प्राइम वन कंपनी शामिल है. शर्त के अनुरूप शराब नहीं बेच पाने के कारण 44 करोड़ की बैंक गारंटी की राशि जब्त कर ली गयी है. इसके अलावा बाजार में थोक शराब उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दो कंपनी को दी गयी थी. इन दोनों कंपनियों के भी 36 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त कर ली गयी है.