शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा 23 अगस्त को शुरू हुई छापामारी 24 अगस्त को समाप्त हो गयी. छापामारी के दौरान इडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इसमें शराब व्यापार में लगायी गयी पूंजी का एक बड़ा हिस्सा कोलकाता की शेल कंपनियों के माध्यम से लगाने का लेखा-जोखा दर्ज है. इडी के अधिकारियों का दल छापामारी में जब्त दस्तावेज की जांच-पड़ताल कर रहा है.
वित्त मंत्री के घर से मिली राशि के सिलसिले में पूछताछ के लिए इडी ने उन्हें अभी समन नहीं भेजा है. उनके घर से करीब 60 लाख रुपये के आभूषण जब्त किये गये थे, लेकिन इसके कागजात देखने के बाद गहने लौटा िदये गये. विनय सिंह के घर से 1.14 करोड़ रुपये के जेवरात जब्त किये गये हैं. इडी ने योगेंद्र तिवारी को समन देकर 26 अगस्त को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है.
इडी ने राज्य में शराब घोटाले के सिलसिले में दर्ज इसीआइआर के आलोक में 23 अगस्त को शराब व्यापारी योगेंद्र तिवारी, वित्त मंत्री के बेटे रोहित उरांव, विनय सिंह, पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी सहित 22 लोगों के ठिकानों पर छापामारी शुरू की थी. 23 अगस्त की देर रात योगेंद्र तिवारी के अलावा सभी लोगों के ठिकानों पर छापामारी समाप्त हो गयी थी.
योगेंद्र तिवारी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य में शराब का थोक व्यापार किया था. इसमें उन पर ग्रुप बना कर राज्य के 19 जिलों में शराब व्यापार पर एकाधिकार कायम करने का आरोप है. कोलकाता में शेल कंपनियों से जुड़े लोगों के ठिकानों पर हुई छापामारी के दौरान झारखंड के व्यापारियों को इंट्री दिलाने से संबंधित ब्योरे जब्त किये गये हैं.
योगेंद्र तिवारी का व्यापारिक समूह फिलहाल शराब, जेवर, ऑटोमोबाइल, रियल इस्टेट और होटल सहित अन्य व्यापारिक गतिविधियों में शामिल है. मार्च 2023 में आयकर विभाग ने भी उनके व्यापारिक प्रतिष्ठानों में सर्वे किया था. सर्वे के दौरान उन्होंने करीब 15 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति होने की बात आयकर अधिकारियों के सामने स्वीकार की थी. आयकर की छापेमारी में मिले दस्तावेज के आधार पर फिलहाल मूल्यांकन का काम जारी है.