ईडी की पूछताछ में योगेंद्र तिवारी का रवैया असहयोगात्मक, अपनी गलती स्वीकार करने को नहीं है तैयार
झारखंड शराब घोटाले के आरोपी योगेंद्र तिवारी कुछ दिन पहले भी पूछताछ के दौरान ईडी के सवालों से बचने की कोशिश करते रहे थे. शराब के व्यापार से जुड़े मामलों में उन्होंने सही-सही जानकारी नहीं दी थी
रांची : शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी इडी की पूछताछ में कागजी सबूतों को भी मानने से इनकार कर रहा है. 21 अक्तूबर से जारी पूछताछ के दौरान उसका रवैया असहयोगात्मक है. पूछताछ के दौरान उसे उसकी व्यापारिक गतिविधियों से संबंधित दस्तावेजी सबूत दिखाये जा रहे हैं. साथ ही उससे संबंधित सवाल पूछे जा रहे हैं, लेकिन वह अपनी कोई भी गलती स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. जिस ई-मेल से उसने अपनी सीए के साथ सूचनाओं को आदान-प्रदान किया है, वह उस ई-मेल आईडी को भी अपना मानने से इनकार कर रहा है.
उसने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों का बुक्स ऑफ अकाउंट भी इडी को नहीं दिया है. साथ ही इस बात का जवाब भी नहीं दे रहा है कि किन कारणों से उसने बुक्स ऑफ अकाउंट्स को अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों में नहीं रखा या उन्हें हटा दिया, जबकि इस तरह के दस्तावेज को व्यापारिक प्रतिष्ठान में ही रखने का प्रावधान है. योगेंद्र तिवारी को इडी ने 21 अक्तूबर को आठ दिनों के रिमांड पर लिया था.
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2021-22 में शराब के थोक व्यापार का मिला था ठेका
बता दें कि झारखंड शराब घोटाले के आरोपी योगेंद्र तिवारी कुछ दिन पहले भी पूछताछ के दौरान ईडी के सवालों से बचने की कोशिश करते रहे थे. शराब के व्यापार से जुड़े मामलों में उन्होंने सही-सही जानकारी नहीं दी थी. हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया था कि वर्ष 2021-22 में उन्हें शराब के थोक व्यापार का ठेका मिला था. 19 जिलों के थोक व्यापारियों के लिए एक जिले के एक ही बैंक से डिमांड ड्राफ्ट बनाये जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने सिर्फ अपनी कंपनी के नाम से बने ड्राफ्ट की जानकारी दी थी. बाकी थोक व्यापारियों से अपना किसी तरह का व्यापारिक संबंध होने से इनकार कर दिया था.