Jharkhand Lockdown : सीएम सोरेन ने सहायता एप के जरिये 1 .11 लाख प्रवासी मजदूरों को भेजे एक-एक हजार रुपये
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले चरण में 1 लाख 11 हजार प्रवासी मजदूरों को एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की. शेष प्रवासी मजदूरों को भी जल्द सहायता राशि दी जायेगी. मुख्यमंत्री विशेष सहायता एप के तहत अब तक 2 लाख 47 हजार प्रवासी मजदूरों ने अपना निबंधन कराया है.
रांची : लॉकडाउन के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों को सहायता एप के जरिये एक-एक हजार रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन वितरण किया. प्रोजेक्ट बिल्डिंग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले चरण में 1 लाख 11 हजार प्रवासी मजदूरों को एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की. शेष प्रवासी मजदूरों को भी जल्द सहायता राशि दी जायेगी. मुख्यमंत्री विशेष सहायता एप के तहत अब तक 2 लाख 47 हजार प्रवासी मजदूरों ने अपना निबंधन कराया है. इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए झारखंड पुलिस ने 8 करोड़ रुपये की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करायी है.
Also Read: Covid-19: बाबा नगरी देवघर से दूसरा कोरोना पॉजिटिव मिला, झारखंड में 57 संक्रमित, 8 हुए ठीकझारखंड के बाहर फंसे प्रवासी लोगों की सहायता एप के जरिये ऑनलाइन राशि का वितरण कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की. इसके बाद मंत्री रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, चंपई सोरेन और बन्ना गुप्ता ने भी क्रमवार बटन दबा कर ऑनलाइन राशि का वितरण किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के बाहर फंसे झारखंड भाइयों के लिए डीबीटी के माध्यम से आर्थिक सहायता के रूप में एक-एक हजार रुपये दिये जा रहे हैं, ताकि कुछ हद तक उन्हें सहूलियत मिल सके. उन्होंने कहा कि उनको हम राशन तो उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं, लेकिन आर्थिक सहायता जरूर कर पा रहे हैं.
मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के इस पोर्टल के तहत अभी तक 2 लाख 47 हजार प्रवासी मजदूरों ने अपना निबंधन कराया है. इसके आलोक में 1 लाख 11 हजार प्रवासी मजदूरों को पहले चरण में एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गयी है. बाकी बचे प्रवासी मजदूरों को भी जल्द राशि मुहैया करा दी जायेगी. उन्होंने कहा कि निबंधन करने के बाद इंटरनेट बैंकिंग सिस्टम के तहत बैंक और खातों की जांच प्रक्रिया आवश्यक होती है. इसके कारण कुछ समय लगता है. इस कारण शेष प्रवासी मजदूर परेशान न हों. झारखंड के बाहर फंसे सभी प्रवासी मजदूरों के हित में सरकार हर समय सोच रही है. हर एक प्रवासी मजदूरों का इस पोर्टल एप के माध्यम से निबंधन हो, इसी के तहत निबंधन की अवधि बढ़ा दी गयी है.
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श्री सोरेन ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत राज्य में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. मुख्यमंत्री दीदी किचन हो या मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र, विभिन्न थानों में चल रहे सामुदायिक किचन समेत अन्य माध्यमों से गरीब व असहाय लोगों को मदद पहुंचायी जा रही है. इस बीच सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रमों में कमी व गड़बड़ी की बातें भी सामने आयी है. राज्य सरकार उन सभी विषयों को गंभीरता से लेकर उसके निराकरण की कोशिश कर रही है.
बिना कार्डधारियों को भी मिलेगा राशन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जिनका राशन कार्ड नहीं बना है उन्हें भी अनाज मिलेगा. जिन लोगों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन दिया है, उन्हें उनके आसपास के पीडीएस दुकान से राशन मिलेगी. इसके अलावा जिसने भी अभी तक राशन कार्ड के लिए आवेदन नहीं दिया है, अगर वो आवेदन करते हैं तो उन्हें भी राशन दी जायेगी. इसके लिए उन्हें खाद्य विभाग के पोर्टल में आवेदन करना होगा. निबंधन के बाद उन्हें भी राशन मिलने लगेगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त देश समेत राज्य कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है. इस संक्रमण की घड़ी में राज्य के पुलिस कर्मियों ने 8 करोड़ 30 लाख 15 हजार 40 रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में जमा करायी है. यह राशि झारखंड पुलिस के पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने एक दिन का वेतन आपदा कोष में जमा कराया है. इसके अलावा रिम्स के डेंटल ट्यूटर ने 51 हजार रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराये हैं. एक सवाल में जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा इस संक्रमण की घड़ी में हर कोई राज्य के राहत कोष में अपना योगदान दे सकते हैं, ताकि सरकार कमजोर व निरीह लोगों को भोजन, अनाज वितरण, स्वास्थ्य सेवा आदि में इसका उपयोग कर सकें.