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बस संचालक खुलेआम उड़ा रहे हैं स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की धज्जियां, रोक के बाद भी बिहार से रांची पहुंच रहीं बसें, कहीं नहीं होती रोक-टोक

साथ ही राज्य में प्रवेश करनेवालों की जांच व होम कोरेंटिन के निर्देश दिये गये हैं. लेकिन, बस से राज्य में आनेवाले किसी यात्री की कोरोना जांच नहीं होती और न ही वे होम कोरेंटिन में ही रहते हैं. जब भी बसों के परिचालन की खबरें मीडिया में आती हैं, तो कार्रवाई के नाम पर एक-दो बसों की धर-पकड़ होती है. बाद में जुर्माना वसूल कर इन्हें भी छोड़ दिया जाता है.

jharkhand travel guidelines 2021 रांची : स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के मद्देनजर राज्य में बसों के परिचालन पर रोक है. इसके बावजूद बिहार व अन्य राज्यों से बसें बिना रोक-टोक के रांची पहुंच रही हैं. चिंता की बात यह है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से सरकार व आमलोग परेशान हैं. राज्य में हर आने-जाने वालों का डाटा तैयार किया जा रहा है.

साथ ही राज्य में प्रवेश करनेवालों की जांच व होम कोरेंटिन के निर्देश दिये गये हैं. लेकिन, बस से राज्य में आनेवाले किसी यात्री की कोरोना जांच नहीं होती और न ही वे होम कोरेंटिन में ही रहते हैं. जब भी बसों के परिचालन की खबरें मीडिया में आती हैं, तो कार्रवाई के नाम पर एक-दो बसों की धर-पकड़ होती है. बाद में जुर्माना वसूल कर इन्हें भी छोड़ दिया जाता है.

इधर, स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का उल्लंघन कर चलायी जा रहीं बसें रात में बिहार से रांची पहुंचती हैं. रांची पहुंचने के बाद ये बसें शहर में प्रवेश नहीं करती हैं. इन्हें बीआइटी मेसरा मोड़, मधुबन ढाबा के समीप स्थित पेट्रोप पंप, धुर्वा रिंग रोड सहित अन्य जगहों पर खड़ा रखा जाता है.

इधर, राजधानी से बिहार और अन्य शहरों तक जानेवाली बसों में एजेंटों के जरिये तय दर से दोगुने से ज्यादा में टिकट बुकिंग करायी जाती है. एजेंट या बस का स्टाफ यात्रियों को शहर के अलग-अलग स्थानों पर बुलाकर उन्हें ऑटो व चार पहिया वाहनों से बस तक ले जाते हैं. इसके बाद बस यात्रियों को लेकर बड़े आराम से बरही-कोडरमा और गया के रास्ते बिहार चली जाती है.

सचिव नाराज, कहा : बसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें डीटीओ

कई जिलों में डीटीओ द्वारा बसों से जुर्माना लेकर छोड़े जाने के मामले को परिवहन सचिव ने गंभीरता से लिया है. उनके निर्देश पर उप परिवहन आयुक्त ने रांची, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा व खूंटी के डीटीओ को पत्र जारी किया है. इसमें पूछा गया है कि प्रतिबंध के बाद भी बसों का परिचालन होता है और उसे सिर्फ जुर्माना लेकर क्यों छोड़ा जाता है?

संबंधित बस के कर्मियों के अलावा उनके संचालकों पर कोविड-19 में निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए. सभी जिलों के डीटीओ इस निर्देश का सख्ती से पालन करें. साथ ही छापेमारी से पूर्व उन्हें भी सूचित करें ताकि वे भी निरीक्षण कर सकें.

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