रांची : कांग्रेस ने तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. कांग्रेस को गठबंधन में सात सीटें मिलीं हैं. चार सीटों पर कांग्रेस को प्रत्याशी देना है. धनबाद में भाजपा द्वारा ढुलू महतो को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद कांग्रेस रणनीति बनाने में जुटी है. इस सीट पर ददई दुबे टिकट की दौड़ में सबसे आगे बताये जा रहे हैं. पार्टी नेताओं का मानना है कि वह जातीय समीकरण को साध सकते हैं. वहीं कोयला मजदूरों के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं.
वहीं, बेरमो विधायक जयमंगल उर्फ अनूप सिंह अपनी पत्नी अनुपमा सिंह को टिकट दिलाने को लेकर लॉबिंग कर रहे हैं. विधायक श्री सिंह ने अपनी बात दिल्ली के आला नेताओं तक पहुंचायी है. वहीं उनके छोटे भाई व युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे कुमार गौरव भी जोर लगा रहे हैं. परिवार में ही दोनों भाइयों के बीच टिकट को लेकर जोर-आजमाइश है. प्रदेश के कुछ नेता भी कुमार गौरव के लिए आलाकमान को मनाने में जुटे हैं.
हालांकि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस उलझन में नहीं पड़ना चाहता है. इधर, गोड्डा सीट को लेकर भी कांग्रेस में जबरदस्त घमसान है. गोड्डा सीट से प्रदीप यादव और फुरकान अंसारी का नाम आगे है. पहले प्रदीप यादव का पलड़ा भारी था, लेकिन कांग्रेस के कुछ आला नेता एक सीट अल्पसंख्यक को देने के पक्ष में हैं. इनकी दलील है कि अब तक महागठबंधन से एक भी उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदाय से नहीं है. इधर, रांची सीट पर भी पार्टी ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. भाजपा के पूर्व सांसद रामटहल चौधरी कांग्रेस में शामिल हुए हैं. हालांकि श्री चौधरी को पार्टी टिकट नहीं दे रही है. रांची में पार्टी को सुबोधकांत सहाय का विकल्प नहीं मिल रहा है.
आज दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक :
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक मंगलवार को दिल्ली में होगी. इसमें कई राज्यों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा हो सकती है. बैठक में झारखंड से प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम शामिल होंगे. केंद्रीय चुनाव समिति झारखंड की चार सीटों पर अपनी सहमति दे सकती है. प्रदेश की ओर से हर सीट से दो-दो नाम भेजे गये हैं.
धनबाद में कांग्रेस सरयू राय को प्रत्याशी बनाती है, तो समर्थन करेंगे : झामुमो
रांची: झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरयू राय को यदि कांग्रेस धनबाद से प्रत्याशी बनाती है, तो झामुमो समर्थन देगा. राजद द्वारा झारखंड में दो लोकसभा सीट की मांग पर उन्होंने कहा कि हमने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए एक विधायक को भी मंत्री बनाया. मगर इन लोगों ने कभी भी बिहार में झामुमो को हक दिलाने की बात नहीं उठायी. वैसे भी यह पूरी तरह से कांग्रेस और राजद के बीच सीट शेयरिंग का मसला है. सीपीआइ द्वारा झारखंड में प्रत्याशी घोषित किये जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केरल में भी कांग्रेस और सीपीआइ अलग-अलग लड़ते रहे हैं. यहां भी लड़ेगें. 14 सीटों में कितना बंटवारा हो सकता है?