झामुमो का कांग्रेस के साथ लोहरदगा-सिंहभूम पर फंसा पेंच, राजद के साथ इन सीटों पर उलझन
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार झामुमो ने बहुत दबाव बनाया, तो सिंहभूम की सीट छोड़ सकते हैं. हालांकि कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु का नाम बढ़ाया है.
रांची : इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा में पेच सुलझाने की कोशिश हो रही है. दलों के बीच ज्यादातर सीटों का खाका तैयार है. लेकिन तीन सीटों पर जिच है. कांग्रेस की एकमात्र सांसद गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने के बाद परिस्थिति बदली है. सिंहभूम सीट पर झामुमो ने दावा किया है. वहीं झामुमो की नजर लोहरदगा सीट पर भी है. एसटी आरक्षित सीटों पर झामुमो बढ़-चढ़ कर दावा कर रहा है. पिछले तीन चुनाव से कांग्रेस लोहरदगा की सीट हारती रही है.
ऐसे में भाजपा को शिकस्त देने की दलील झामुमो दे रहा है. कांग्रेस पर दबाव है कि सिंहभूम या लोहरदगा में कोई एक सीट छोड़े. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार झामुमो ने बहुत दबाव बनाया, तो सिंहभूम की सीट छोड़ सकते हैं. चाईबासा से कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु का नाम बढ़ाया है. वहीं झामुमो का कहना है कि गीता कोड़ा बड़ी चुनौती पेश करेगी. चाईबासा संसदीय सीट में पांच विधानसभा में झामुमो का कब्जा है. ऐसे में झामुमो का दावा का आधार मजबूत हो रहा है.
इधर, चतरा और पलामू के बीच राजद और कांग्रेस में गुत्थी उलझी है. राजद चतरा पर दावा कर रहा है. वहीं चतरा सीट कांग्रेस के खाते में जा रही है. मंत्री सत्यानंद भोक्ता चतरा से चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान सभी पहलुओं पर विचार कर रहा है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि चुनाव अधिसूचना के साथ ही सीट बंटवारे की घोषणा कर दी जायेगी.