17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Explainer: झारखंड के 5 जिलों में होगी मनरेगा लोकपाल की नियुक्ति, जानें उनके कार्य व अधिकार

मनरेगा योजना के संचालन में लोकपाल की बहुत बड़ी भूमिका है. अगर संचालन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ियां होती है तो इसका सुनवाई तुरंत हो सकेगी. कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत लेकर आ सकता है

रांची : झारखंड के 5 जिलों गुमला, लोहरदगा, चतरा, जामताड़ा व सरायकेला-खरसावां में लोकपालों की नियुक्ति होगी. इन जिलों में एक साल बाद लोकपालों की नियुक्ति होने जा रही है. मनरेगा की योजनाओं की शिकायतों के निबटारा के लिए लोकपालों की नियुक्ति की जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी सहमति दे दी है. ऐसे में आज हम जानेंगे कि लोकपाल के क्या कार्य है. और किसी भी मामले में लोकपाल नियुक्त करने के पीछे क्या उद्देश्य रहता है.

झारखंड के 19 जिलों में लोकपाल की हो चुकी है नियुक्ति

झारखंड सरकार ने पिछले साल 19 जिलों के लिए लोकपालों की नियुक्ति की गयी थी. अब बाकी पांच जिलों में नियुक्ति की प्रक्रिया की जा रही है. इसका फायदा ये हो रहा है कि लोकपालों के माध्यम से जिलों में मनरेगा की शिकायतों पर त्वरित सुनवाई हो रही है. वहीं फैसले भी दिये जा रहे हैं. इससे तमाम प्रकार की गड़बड़ियां के चांसेस कम हो जाते हैं.

क्या हैं कार्य और अधिकार

मनरेगा योजना के संचालन में लोकपाल की बहुत बड़ी भूमिका है. अगर संचालन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ियां होती है तो इसका सुनवाई तुरंत हो सकेगी. कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत लेकर आ सकता है. लोकपाल का दायित्व होगा कि वह शिकायत की जांच कराकर दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारी और अधिकारी पर कार्रवाई की अनुशंसा डीएम को भेज सकेंगे. जरूरत पड़ने पर उनके पास सजा का भी अनुमोदन करने का अधिकार है. बता दें कि लोकपाल के पास शिकायत निवारण के लिए विभागीय और सुधारात्मक कार्रवाई का अधिकार है. हालांकि शिकायत मिलने पर उन्हें 30 दिनों के अंदर फैसला सुनाना होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें