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5 विधायकों ने बनाया झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा, सुदेश महतो बने नेता, राज्य की सियासत में क्या होगा असर?

झारखंड में तीसरे मोर्चे का गठन हो गया है, आजसू विधायक सुदेश कुमार महतो इसके नेता बने हैं व अमित यादव सचेतक बने हैं. इससे आनेवाले दिनों में राजनीतिक रोमांच और बढ़ेगा.

रांची : देश के पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बीच झारखंड में भी राजनीति ने करवट ली है. यहां भी सियासी हलचल बढ़ी है़ राज्य के पांच विधायकों ने झाखंड लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन किया है. इसमें आजसू के दो विधायक (सुदेश कुमार महतो व डॉ लंबोदर महतो), एनसीपी के कमलेश सिंह, निर्दलीय सरयू राय और अमित यादव शामिल हैं.

आजसू विधायक सुदेश कुमार महतो को मोर्चा के विधायक दल का नेता घोषित किया गया है. वहीं अमित यादव सचेतक होंगे. पांच विधायकों की यह गोलबंदी आनेवाले दिनों में झारखंड की राजनीति का रोमांच बढ़ायेगी.

सदन के बाहर और अंदर अपनी बात रखेंगे

मोर्चा के गठन की घोषणा करते हुए कहा कि विधायक सरयू राय ने कहा कि विधानसभा में जिस तरह का माहौल है, सब देख रहे हैं. झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के रूप में विधानसभा के अंदर और सदन के बाहर जनहित के मुद्दे पर संघर्ष होगा. राज्य हित के विषयों पर गंभीरता से बात करेंगे. मोर्चा के विधायक दल के नेता सुदेश महतो ने कहा कि हम छोटे दल के रूप में हैं.

विधानसभा के अंदर हमें समय नहीं मिलता है. कई विषयों पर बात मन में ही रह जाती है. दलीय व निर्दलीय विधायकों ने मोर्चा बनाया है. सदन के बाहर और अंदर मजबूती से अपनी बात रखेंगे. सुदेश महतो ने कहा कि आगे कोशिश होगी कि संयुक्त नेतृत्व को ठोस आकार दिया जाये.

राज्य में राजनीतिक नेतृत्व का अभाव है. हम प्रभावशाली नेतृत्व देंगे. एक सवाल के जवाब में श्री महतो ने कहा कि यह तो स्टार्टअप है. लोगों का विश्वास हासिल करेंगे और आगे बढ़ेंगे. पांच विधायकों का यह मोर्चा सोमवार को स्पीकर रबींद्रनाथ महतो से मिलेगा. स्पीकर से मिलकर मोर्चा अपने नये नेता से संबंधित जानकारी देगा.

राज्यसभा चुनाव का रोमांच बढ़ेगा

झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर आनेवाले दिनों में राजनीतिक रोमांच बढ़ेगा. पांच विधायकों की यह गोलबंदी राज्यसभा चुनाव में अपने हिसाब से राजनीति दांव-पेंच चलायेगी. जून में झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव होना है. भाजपा के महेश पोद्दार और मुख्तार अब्बास नकवी का कार्यकाल पूरा होना है. भाजपा को एक सीट पर जीत दर्ज करनी है, तो इस मोर्चा का साथ लेना होगा. भाजपा को एक सीट पर जीत के लिए दो विधायकों के वोट की जरूरत है. मोर्चा की कोशिश होगी कि चुनाव में एकजुटता दिखायें.

लोकतांत्रिक मोर्चा के रूप में विधानसभा के अंदर और सदन के बाहर जनहित के मुद्दे पर संघर्ष होगा. राज्यहित के विषयों पर गंभीरता से बात करेंगे़

– सरयू राय, विधायक

राज्य में राजनीतिक नेतृत्व का अभाव है, हम प्रभावशाली नेतृत्व देंगे़ सदन के अंदर व बाहर जनता के विषयों पर मुखर रहेंगे़

– सुदेश कुमार महतो, आजसू विधायक व मोर्चा के नेता

कई दिनों से बात चल रही थी. एनसीपी भी इसका हिस्सा बना है. मिल-बैठ कर आगे की रणनीति बनेगी़

– कमलेश सिंह, एनसीपी विधायक

Posted By: Sameer Oraon

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