झारखंड के थोक व्यापारियों ने मंत्री आलमगीर आलम के आश्वासन के बाद खाद्यान्न की आवक दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया है. व्यापारियों ने आंदोलन स्थगित कर दिया है. शुक्रवार को ‘झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2022’ को निरस्त करने की मांग को लेकर फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का एक प्रतिनिधिमंडल संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम एवं महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह से मिला. व्यापारियों की मांग पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि गंभीरता से विचार करेंगे.
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री और विधायक को उक्त विधेयक से राज्य के व्यापारियों को होनेवाली परेशानी की जानकारी दी. साथ ही बताया कि इस विधेयक की वजह से राज्य स्तर पर आंदोलन चल रहा है. व्यापारियों ने चिंता जतायी कि कृषि विधेयक के लागू होने से झारखंड में विकसित हो रहे कृषि कार्य, कृषि आधारित उद्योग, व्यापार और छोटे जमीनी स्तर के सब्जी विक्रेताओं को नुकसान होगा.
इसके प्रभावी होने के कारण कृषि, कृषि आधारित उद्योगों और व्यापार जगत तथा गरीब-गुरबों के बीच अधिकारियों के भ्रष्टाचार का बोलबाला हो जायेगा. वार्ता के बाद श्री आलम ने उनसे जनहित में आंदोलन वापस लेने का आग्रह किया.
प्रदेश के व्यापारिक संगठनों कृषि शुल्क विधेयक पर त्वरित संज्ञान लेने के लिए चेंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर व अन्य सांसद-विधायकों की प्रशंसा की. प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष धीरज तनेजा, महासचिव राहुल मारू, पूर्व अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद जालान, बिकास सिंह, निवर्तमान अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा, राइस मिलर्स एसोसिएशन से मनीष साहू, कांग्रेस पार्टी के वरीय कार्यकर्ता आलोक दूबे और राजा साहब शामिल थे.
मंत्री से मिलने के बाद चेंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा और महासचिव राहुल मारू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के व्यावसायिक संगठनों, जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स, खाद्यान्न व्यवसायियों तथा प्रसंस्करण उद्योग से जुडे व्यापारियों से बात की. उनको संसदीय कार्य मंत्री से बातचीत की जानकारी दी. इसके बाद खाद्यान्न की आवक बंद करने के निर्णय को स्थगित करने पर सहमति बनी.
व्यापारियों से बात हुई है. उनको कहा गया है कि बिल विधानसभा से पारित है. इसकी अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है. इसको लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है. सरकार व्यापारियों के अहित में कुछ नहीं करेगी. व्यापारियों की जो मांग है, उस पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी.
– आलमगीर आलम
संसदीय कार्य मंत्री
Posted By: Sameer Oraon