झारखंड : ED के डर से कई अधिकारी और कारोबारी ज्योतिष की शरण में, कब तक रहेगा मंत्र का असर ?
भ्रष्टाचार के आरोपी कई अधिकारियों और कारोबारियों पर प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के नाम की ‘साढ़े साती’ मंडरा रही है. इससे बचने के इनमें से कई लोगों ने ज्योतिषियों की शरण ले ली है और उनकी सलाह पर गरीबों को खिचड़ी खिला रहे हैं. एक ज्योतिषियों ने एक साहब को गिरफ्तारी से बचने का मंत्र दे रखा है.
रांची, शकील अख्तर. भ्रष्टाचार के आरोपी कई अधिकारियों और कारोबारियों पर प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के नाम की ‘साढ़े साती’ मंडरा रही है. इससे बचने के इनमें से कई लोगों ने ज्योतिषियों की शरण ले ली है और उनकी सलाह पर गरीबों को खिचड़ी खिला रहे हैं. एक ज्योतिषियों ने एक साहब को गिरफ्तारी से बचने का मंत्र दे रखा है. किस्मत से वह अब तक बचे हुए हैं. शक के दायरे में शामिल लोगों के फोन कॉल सुनने के दौरान ज्योतिषियों की चौखट पर नतमस्तक होने की खबर बाहर आयी है. वर्ष 2022 में इडी की गतिविधि तेज होते ही कुछ लोगों को अपनी गलतियों का एहसास हुआ और उन्होंने दिल्ली के एक ज्योतिषी से संपर्क साधा. समस्या बतायी और भविष्य की जानकारी मांगी.
ज्योतिषी ने जवाब दिया : वक्त बुरा चल रहा है. आगे परेशानी बढ़ने का खतरा है. विभाग सूट नहीं कर रहा है. इडी के डर से कई ज्योतिषी ने बचाव का मंत्र दिया, लेकिन वह भी काम नहीं आया. कुछ ही दिनों बाद इडी ने गिरफ्तार कर लिया. अब जमानत का चक्कर चल रहा है. जब भी कोर्ट में जमानत पर सुनवाई तिथि तय होती है, ज्योतिषी की सलाह पर 1000 गरीबों को खिचड़ी खिला रहे हैं. इसी बहाने गरीबों को खिचड़ी तो मिल रही है, लेकिन कोर्ट जमानत नहीं दे रहा है. ज्योतिषी कह रहे हैं यह कोई ‘साढ़े साती’ का चक्कर है. इसलिए अभी कुछ और दिनों तक अदालत के चक्कर लगते रहेंगे.
पता नहीं, कब तक रहेगा ज्योतिषी के दिये मंत्र का असर
जेसीबी वाले साहब के करीबी लोगों के ठिकानों पर छापा पड़ने के बाद वह भी घबरा गये. दिल्ली के एक ज्योतिषी का पता और नंबर तलाशा. उन्हें फोन किया. परेशानी बतायी और समाधान पूछा. फीस ज्यादा अदा की. इसलिए ज्योतिष ने खुश होकर उन्हें गिरफ्तारी से बचने का मंत्र बता दिया. उन्हें यह सलाह मिली कि जैसे ही इडी के लोग गिरफ्तार करने की कोशिश करें, मंत्र पढ़ कर उनके ऊपर फूंक दें. इससे अफसरों की बुद्धि कुंद पड़ जायेगी. मन बदल जायेगा और वे गिरफ्तार नहीं करेंगे. मंत्र मिलने के बाद से वह आत्ममुग्ध हैं. क्योंकि अब तक गिफ्तारी से बचे हुए हैं. लेकिन, पेशी हो चुकी है. पता नहीं ज्योतिष का दिया मंत्र कब तक काम आयेगा.
इडी के सवाल-जवाब की रिहर्सल की, फिर भी पकड़े गये
व्यापारियों के ठिकानों पर छापा पड़ने के बाद एक साहब सहम गये. अनहोनी का डर सताने लगा. संकट से निबटने के लिए ज्योतिषियों के बदले इडी के सवालों का सामना कर चुके लोगों से संपर्क साधा. सलाह ली. संभावित सवाल बनाये. जवाब लिखा. खुद ही मॉक ड्रिल किया, लेकिन बच नहीं पाये. छापा पड़ने के बाद एक साहब तो इडी के अफसरों को कोसते फिर रहे थे. माफी मंगवाने के दावे कर रहे थे. मॉक ड्रिल वाले अफसर की तारीफ कर रहे थे. उनके बदले खुदी ही उनकी सफाई दे रहे थे. समन मिलने के बाद बीमार हो गये हैं. सोचने का तरीका भी बदल गया है. अब तो खुद को मजबूर बता कर दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन कोई साथ नहीं दे रहा.