असम में शहीद हुए असम रायफल -17 के वारंट ऑफिसर प्रमोद कुमार मिश्र , बच्चों ने कहा- देश के लिए जीना पिता से सीखा

असम रायफल -17 के वारंट ऑफिसर प्रमोद कुमार मिश्र (53 ) असम में शहीद हो गये. ड्यूटी करते वक्त उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. 21 जून को तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर रांची के एदलहातू स्थित उनके आवास पर पहुंचा. गार्ड ऑफ आर्नर के बाद उनका अंतिम संस्कार हरमू मुक्ति धान में किया गया. शहीद जवान की अंतिम यात्रा ने लोगों ने फूलों की वर्षा की. वंदे मातरम के नारे लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

By PankajKumar Pathak | June 25, 2020 11:41 AM
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रांची : असम रायफल -17 के वारंट ऑफिसर प्रमोद कुमार मिश्र (53 ) असम में शहीद हो गये. ड्यूटी करते वक्त उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. 21 जून को तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर रांची के एदलहातू स्थित उनके आवास पर पहुंचा. गार्ड ऑफ आर्नर के बाद उनका अंतिम संस्कार हरमू मुक्ति धान में किया गया. शहीद जवान की अंतिम यात्रा ने लोगों ने फूलों की वर्षा की. वंदे मातरम के नारे लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

असम में शहीद हुए असम रायफल -17 के वारंट ऑफिसर प्रमोद कुमार मिश्र , बच्चों ने कहा- देश के लिए जीना पिता से सीखा 2

उन्हें मुखाग्नि दी उनके पुत्र प्रणव मिश्रा ने. अपने पिता के देश के लिए शहीद होने पर कहा, हमें गर्व है. हम महान भारतीय सैनिक के बच्चे हैं . पूरी सच्चाई से देश के लिए जीते आये हैं, आगे भी जीते रहेंगे.शहीद प्रमोद मिश्र का बचन रामगढ़ जिले के सयाल डी कोलियरी में बीता. यही के मध्य विद्यालय और उच्च विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की. भुरकुंडा से स्नातक की डिग्री हासिल की थी. जब यहां लोगों को प्रमोद मिश्र के शहीद होने की खबर मिली तो लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए यहां से भी एदलहातू पहुंचे.

अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए बेटी प्रज्ञा मिश्रा ने कहा, हमें गर्व है उन्होंने अपना हर दिन देश के नाम किया. मैं आपसे कुछ नहीं चाहती पापा आपने अपनी बेटी कहलाने का गर्व दिया है. सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट डालकर उन्होंने अपने पिता को याद किया और लिखा, मैं आप सबको बताना चाहती हूं कि मेरे पिता शहीद हो गये. वह पिछले 33 सालों से देश की सेवा कर रहे थे. मुझे आपकी बेटी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और कुछ नहीं चाहिए.

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