13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand Weather: ओडिशा से आया डिप्रेशन का होगा असर, झारखंड में अगले 2 दिन इन इलाकों में भारी बारिश का अनुमान

रांची में शनिवार को कई स्थानों पर छिटपुट बारिश हुई. सबसे अधिक 24 मिमी बारिश धनबाद के बाघमारा में हुई. वहीं, गोविंदपुर में 17 मिमी के आसपास बारिश हुई.

रांची : झारखंड में मॉनसून कमजोर है. अगले कुछ दिनों में इसके मजबूत होने का अनुमान है. एक डिप्रेशन ओडिशा में आया हुआ है. इसका असर झारखंड के कई जिलों में रहेगा. 22 जुलाई से इसका असर झारखंड में दिखने लगेगा. 22 और 23 जुलाई को कोल्हान और मध्य हिस्से (राजधानी और आसपास) में कई स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी है. इसको लेकर मौसम केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है.

22 जुलाई को रांची, रामगढ़ में भारी बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 22 जुलाई को चाईबासा, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां, खूंटी और रांची के साथ-साथ रामगढ़ के कुछ हिस्सों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है. वहीं, 23 जुलाई को इन जिलों के साथ-साथ लातेहार, गुमला और लोहरदगा में भी कई स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी है. 23 जुलाई के बाद मॉनसून फिर कमजोर हो जायेगा.

राजधानी में हुई छिटपुट बारिश

राजधानी रांची में शनिवार को कई स्थानों पर छिटपुट बारिश हुई. सबसे अधिक 24 मिमी बारिश धनबाद के बाघमारा में हुई. वहीं, गोविंदपुर में 17 तथा बोकारो में 13 मिमी के आसपास बारिश हुई. राजधानी का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेसि से नीचे रहा. अन्य जिलों का अधिकतम तापमान भी 30 से 35 डिग्री सेसि के बीच ही है.

बारिश के अभाव में मात्र 10 फीसदी हुई धनरोपनी

बारिश के अभाव में 20 जुलाई तक जिले में धनरोपनी मात्र 10.56 प्रतिशत हो सकी है. आषाढ़ माह में खेतों में धूल उड़ रही है. 20 जुलाई तक जिले में 305 मिलीमीटर बारिश के विरुद्ध 73.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो औसत से बहुत कम है. इतनी कम बारिश में कृषि कार्य हो पाना संभव नहीं है. हालांकि लोहरदगा जिले में अधिकांश खेत दो और तीन नंबर का है. एक नंबर के खेतों में भी रोपनी का काम नहीं हो सका है. पानी के अभाव में दो और तीन नंबर के खेतों में भी किसानों द्वारा रोपनी नहीं की जा सकी है. दो और तीन नंबर के खेतों में प्रायः मोटे अनाज जैसे मकई, मड़वा, गोंदली, उरद, अरहर, सूरजमुखी, सरगुजा व बादाम लगाया जाता है. लेकिन इस वर्ष बारिश के अभाव में इन खेतों में भी रोपनी नहीं हो सकी है. जिन खेतों के समीप नदी, नाला या तालाब है, वहां किसी तरह पटवन कर किसानों ने रोपनी की है. उसमें भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने के कारण रोपा गया धान पीला होने लगा है. दो नंबर के खेतों में जहां किसानों द्वारा बिचड़ा लगाया गया है.

Also Read: Jharkhand Weather: झारखंड में मॉनसून कमजोर, 21 जुलाई को भारी बारिश का अलर्ट

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें