केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार से मिली मेयर आशा लकड़ा, बीएड कॉलेज को मान्यता दिलाने का अनुरोध
राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय रांची को ईस्टर्न रीजनल कमेटी एजुकेशन से मान्यता प्रदान कराने की मांग को लेकर रांची की मेयर डॉ आशा लकड़ा ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार से मुलाकात की. उन्होंने कांके स्थित राजकीय प्रशिक्षण महाविद्यालय की मान्यता को लेकर बात की.
Jharkhand News: राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय रांची को ईस्टर्न रीजनल कमेटी एजुकेशन से मान्यता प्रदान कराने की मांग को लेकर भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की मेयर डॉ आशा लकड़ा ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार से मुलाकात की. मौके पर उन्हें मांगपत्र भी सौंपा. इस मुलाकात में उन्होंने कांके स्थित राजकीय प्रशिक्षण महाविद्यालय की मान्यता को लेकर बात की.
क्या कहा है मेयर आशा लकड़ा ने
डॉ आशा लकड़ा ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री को बताया कि रांची शहर में एकमात्र सरकारी बीएड कॉलेज है. शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की कमी के कारण सरकारी बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई है. हालांकि अब झारखंड सरकार की उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की कमी पूरी कर ली गई है. साथ ही नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की सभी अहर्ताएं पूरी कर ली गई हैं. डॉ. आशा लकड़ा ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय को मान्यता प्रदान की जाए. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने डॉ आशा लकड़ा को आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द ही इस मामले की जांच कर उचित पहल की जाएगी.
कॉलेज के छात्रों ने भी सौंपा ज्ञापन
डॉ आशा लकड़ा ने बताया कि दो-तीन दिन पूर्व बीएड कॉलेज के छात्रों ने ज्ञापन के माध्यम से इस मामले की जानकारी दी थी. ज्ञापन के माध्यम से कहा गया था कि राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय रांची झारखंड के 4 महाविद्यालयों में से एक है. 2021-22 में एनसीटीइ ने शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की कमी के कारण राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की मान्यता रद्द कर दी थी. 19 अगस्त को महाविद्यालय की ओर से मान्यता प्रदान करने के लिए एनसीटीइ दिल्ली में अपील भी की गई थी. बार-बार अनुस्मारक पत्र देने के बाद भी एनसीटीइ की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि बीएड कॉलेज को मान्यता नहीं मिलने से 2020-22 में नामांकित 98 छात्रों को रांची विश्वविद्यालय की ओर से पंजीयन व परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित कर दिया गया है. सभी छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.