झारखंड के 11374 विद्यालय नहीं भेज रहे हैं एमडीएम की रिपोर्ट, प्रतिदिन देनी होती है एसएमएस के माध्यम से जानकारी
रांची: झारखंड के 11374 विद्यालय मध्याह्न भोजन (पीएम पोषण) योजना की रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं. स्कूलों को मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की जानकारी प्रतिदिन देनी है. इसे लेकर झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने सभी जिलों को पत्र भेजा है. जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि राज्य के 35315 विद्यालय […]
रांची: झारखंड के 11374 विद्यालय मध्याह्न भोजन (पीएम पोषण) योजना की रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं. स्कूलों को मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की जानकारी प्रतिदिन देनी है. इसे लेकर झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने सभी जिलों को पत्र भेजा है. जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि राज्य के 35315 विद्यालय में से औसतन प्रतिदिन 23941 विद्यालय ही रिपोर्ट भेज रहे हैं. ऐसे में राज्य के कुल विद्यालय के 68 % स्कूल ही रिपोर्ट भेज रहे हैं.
एसएमएस से देनी है जानकारी
स्कूलों को प्रतिदिन एसएमएस से मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की जानकारी देनी है. इसके तहत विद्यालय में मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की संख्या के साथ-साथ खर्च की भी जानकारी देनी है. राज्य में जामताड़ा जिले के सबसे अधिक स्कूलों के द्वारा जानकारी दी जा रही है. मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र के अनुसार, जामताड़ा के 82% स्कूलों के द्वारा जानकारी दी जा रही है. राज्य में गढ़वा के मात्र 57 % स्कूल प्रतिदिन जानकारी दे रहे हैं. राज्य के 16 ऐसे जिले हैं, जहां के 75% से कम स्कूलों के द्वारा जानकारी दी जा रही है. प्राधिकरण के विशेष कार्य पदाधिकारी मुकेश कुमार सिन्हा द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र में जिले के शत-प्रतिशत स्कूलों से एसएमएस कराना सुनिश्चित करने को कहा गया है.
कक्षा आठ तक के बच्चों को दिया जाता है एमडीएम
राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है. मध्याह्न भोजन के लिए 60% राशि केंद्र और 40 % राशि राज्य सरकार के द्वारा दी जाती है. राज्य में कक्षा एक से आठ तक में लगभग 43 हजार बच्चे नामांकित हैं. इनमें से 65 % बच्चे औसतन प्रतिदिन मध्याह्न भोजन खाते हैं.
इन जिलों को विशेष ध्यान देने का निर्देश
राज्य 16 जिलों के 75% से कम स्कूलों के द्वारा जानकारी दी जाती है. इनमें पाकुड़, सरायकेला-खरसावां, गुमला, धनबाद, लोहरदगा, देवघर, रांची, खूंटी, साहिबगंज, दुमका, सिमडेगा, गोड्डा, गिरिडीह, पलामू, लातेहार, हजारीबाग व गढ़वा जिला शामिल हैं. जिन जिलों में 75% से कम स्कूलों के द्वारा जानकारी दी जा रही है और उन जिलों के डीएसइ को विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है.