मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को झारखंड मेडिको सिटी की स्थापना को लेकर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. सीएम ने झारखंड मेडिको सिटी की कंसल्टेंसी एजेंसी अर्नेस्ट एंड यंग का प्रेजेंटेशन देखा. उन्होंने कहा कि रिनपास की जमीन पर पीपीपी मॉडल पर झारखंड मेडिको सिटी स्थापना प्रस्तावित है. ऐसे में जमीन का उचित इस्तेमाल हो.
निवेशकों को उनकी जरूरत के हिसाब से अस्पताल निर्माण के लिए जमीन दी जाये. यहां पहले चरण में कार्डियोलॉजी, न्यूरोसाइंस, ऑर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोलॉजी, ओपेथोमोलोजी, पल्मनोलॉजी, मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ केयर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, नेफ्रोलॉजी तथा यूरोलॉजी से संबंधित मल्टी स्पेशियालिटी सर्विस उपलब्ध होगी. इस पर चार से पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. 76 एकड़ में मेडिको सिटी का निर्माण होगा. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अरुण कुमार सिंह, वंदना डाडेल, अजय कुमार सिंह, विनय चौबे, अमिताभ कौशल, जितेंद्र सिंह, भुवनेश प्रताप सिंह, डॉ जयति सिमलाई भी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मेडिको सिटी परिसर में कॉमन यूटिलिटी सर्विस बिजली, पेयजल, सड़क, ड्रेनेज और सीवरेज, स्ट्रीट लाइट्स, बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए आधुनिकतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. दुनिया में इसे एक मॉडल मेडिकल हब के रूप में रख सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मेडिको सिटी में पीपीपी मॉडल पर कई सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल बनाये जायेंगे. ऐसे में सभी अस्पतालों के लिए अलग-अलग कॉमन एंबुलेंस सेवा होनी चाहिए. मेडिको सिटी में अस्पताल समेत अन्य चिकित्सीय संस्थान स्थापित करना चाहते हैं.
रिनपास की 76.34 एकड़ भूमि में बनेगा झारखंड मेडिको सिटी, चार से पांच हजार करोड़ का निवेश होगा
10 से ज्यादा मल्टी सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल बनेंगे, सभी अस्पतालों में 5000 बेड की व्यवस्था होगी
7500 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और 22,500 से अधिक लोगों की अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा
विभिन्न अस्पतालों में 1100 से ज्यादा विशेषज्ञ चिकित्सक और 6500 पारा मेडिकल स्टाफ होंगे
प्रतिवर्ष तीन हजार करोड़ का राजस्व मिलेगा, एयर लिफ्ट करने के लिए हेलीपैड की भी व्यवस्था होगी
मेडिकल मॉल एवं डायग्नोस्टिक सेंटर, फिजिकल थेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन, होटल और सर्विस अपार्टमेंट की भी सुविधाएं मिलेंगी