झारखंड की राजधानी रांची में हर साल लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करने की खातिर ‘रन फॉर विजन’ का आयोजन किया जाता है. इस बार अलग थीम के साथ इसका आयोजन हुआ. इस साल का थीम ‘ब्लाइंड फोल्ड’ था. इसमें बच्चों ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर दौड़ लगाई. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और रांची के सांसद संजय सेठ ने रंग-बिरंगे बैलूनों को उड़ाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इसके बाद राज्यपाल ने रन फॉर विजन को झंडी दिखाई. कश्यप मेमोरियल आई बैंक की मेडिकल डायरेक्टर डॉ भारती कश्यप ने बताया कि रांची में पिछले 21 सालों से रन फॉर विजन का आयोजन किया जा रहा है.
डॉ कश्यप ने बताया कि इस बार का रन फॉर विजन विशेष था, क्योंकि इसका थीम ब्लाइंड फोल्ड था. युवा एवं बच्चों ने आंखों पर पट्टी बांधकर जोड़े में दौड़ लगाई. ब्लाइंड फोल्ड रन फॉर विजन समाज को संवेदनशीलता के साथ नेत्रदान का संदेश देता है. इससे परस्पर सहयोग की भावना भी विकसित होती है.
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि जीते जी तो हम लोगों की मदद करते रहते हैं. मृत्यु के बाद नेत्रदान कर हम किसी के अंधेरे जीवन में रोशनी ला सकते हैं. राज्य में ऑर्गन और नेत्रदान के लिए जागरूकता कार्यक्रम अच्छी सोच के साथ किया जा रहा है. कश्यप मेमोरियल अस्पताल का कार्य सराहनीय है.
Also Read: 1932 खतियान: बोकारो से धनबाद ‘रन फॉर खतियान, कई जगह पर पुलिस से भिड़े लोगराज्यपाल रांची स्थित खेलगांव के बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में गैरसरकारी आई बैंक कश्यप मेमोरियल आई बैंक द्वारा आयोजित ब्लाइंड फोल्डेड रन फॉर विजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. राज्यपाल ने हरी झंडी दिखाकर ब्लाइंड फोल्डेड रन की शुरुआत की.
इस रन में बच्चों ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर दौड़ लगायी. मरणोपरांत नेत्रदान करने वालों के परिजनों को सम्मानित भी किया गया. डॉ भारती कश्यप ने कहा कि 21 वर्षों से ‘रन फॉर विजन’ का आयोजन हो रहा है. उनके आई बैंक में 806 आई ट्रांसप्लांट हो चुके हैं. बता दें कि वर्ष 1996 में, जब झारखंड, बिहार से अलग नहीं हुआ था, डॉ भारती कश्यप और उनके पति डॉ बीपी कश्यप ने पहला नेत्र प्रत्यारोपण किया था. सबसे पहले नेत्रदान करने के लिए डॉ भारती कश्यप ने ही प्रेरित किया था.
रांची लोकसभा के सांसद संजय सेठ ने कहा कि पूरे शरीर का दान करना चाहिए. अभी कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद के एक वरिष्ठ व्यक्ति का निधन हुआ. उन्होंने अपना पूरा शरीर दान कर दिया, ताकि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले बच्चे उन रिसर्च कर सकें. पढ़ाई कर सकें.
स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के आई बैंक लक्ष्य के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं. देर रात आई डोनेशन के लिए कोई फोन करता है, तो डॉक्टर रुचि नहीं दिखाते. वहीं, प्राइवेट आई बैंक कॉर्निया प्रत्यारोपण को लेकर गंभीर हैं. राज्य में स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन ऑर्गेनाइजेशन की कार्य क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है.
ब्लाइंड फोल्डेड रन फॉर विजन में सैकड़ों युवाओं और शहर के गणमान्य लोगों ने भाग लिया. मरणोपरांत नेत्रदान करने वाले 12 परिवारों को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सम्मानित किया. पेंटिंग कॉम्पिटिशन के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर डॉ बीपी कश्यप, डॉ विभूति कश्यप, डॉ निधि गडकर कश्यप समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.