मिड डे मील घोटाले के आरोपी संजय तिवारी के वकील ने खुद को किया केस से अलग, जानें क्यों लिया ये बड़ा फैसला
संजय तिवारी के वकील ने कहा कि अभियुक्त बड़ा जालसाज है. उसने निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक में झूठे वायदे किये हैं. बाद में संजय के वकील द्वारा खुद को इस केस से अलग करने की बात कहने पर वह खामोश हुए.
मिड डे मील घोटाले के आरोपी संजय तिवारी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अपने मुवक्किल का पक्ष रखने के बदले खुद को इस केस से अलग करने की बात कही. अभियुक्त द्वारा सुप्रीम कोर्ट में झूठे दावे को देखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया है. न्यायाधीश केएम जोसेफ व न्यायाधीश बीवी नागरत्ना की पीठ में संजय तिवारी की याचिका पर सुनवाई की तिथि निर्धारित थी.
इस मामले में बालाजी श्रीनिवासन संजय तिवारी के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड हैं. मामले की सुनवाई शुरू होते ही उन्होंने खुद को इस केस से अलग करने की बात कहते हुए कोर्ट में आवेदन दिया. उन्होंने जैसे ही डिस्चार्ज पिटीशन की बात कही, इडी के वकील ने यह समझा कि शायद वह अभियुक्त पर लगे आरोपों के खिलाफ डिस्चार्ज पिटीशन दायर करना चाहते हैं.
इसलिए वह बीच में ही बोल पड़े कि अभियुक्त बड़ा जालसाज है. उसने निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक में झूठे वायदे किये हैं. बाद में संजय के वकील द्वारा खुद को इस केस से अलग करने की बात कहने पर वह खामोश हुए. उल्लेखनीय है कि संजय तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में झूठे दावे और इससे संबंधित दस्तावेज तैयार कर अंतरिम जमानत हासिल करने में कामयाबी हासिल की थी. इसी कोर्ट में कुछ मामलों के बाद मनरेगा घोटाले के आरोपी जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, कोर्ट ने इस मामले को नवंबर में पेश करने का निर्देश दिया.