रांची-कोयला रॉयल्टी और अन्य खनिजों के उत्खनन के एवज में राज्य सरकार की बकाया राशि लौटाने को लेकर केंद्र सरकार पहल करेगी. इसके लिए कोयला मंत्रालय के आला अधिकारियों को साथ राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक होगी. राज्य सरकार के दावे को लेकर केंद्र सरकार पूरा ब्योरा तैयार करेगी. इस विषय को लेकर राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने शुक्रवार को केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की. वित्त मंत्री ने केंद्रीय कोयला मंत्री से कोल उत्खनन प्रक्षेत्र में धुले कोयले की रॉयल्टी के 29 सौ करोड़, अन्य उत्खनित खनिज की कीमत पर बकाया 32 हजार करोड़ और भूमि अधिग्रहण संबंधित बकाया 1.01 लाख करोड़ रुपये की मांग रखी. राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद केंद्रीय कोयला मंत्री ने कोयला मंत्रालय की अपर सचिव विस्मिता प्रधान को बकाया राशि का वास्तविक आकलन करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि केंद्र के अधिकारी राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक करें. वित्त मंत्री श्री किशोर ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राज्य के बकाया को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्र के माध्यम से केंद्र सरकार से भुगतान का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने हर स्तर पर इस बात को उठाया है. ऐसे में केंद्र सरकार को पहल करना चाहिए. श्री किशोर ने बताया कि कोयला मंत्री ने बहुत सकारात्मक पहल की है.
केंद्रीय अनुदान में लगातार कटौती पर भी हुई बात
वित्त मंत्री श्री किशोर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की और बकाया 1.36 लाख करोड़ राज्य को देने का आग्रह किया. केंद्रीय वित्त मंत्री को भी राज्य की ओर से बकाया का पूरा ब्योरा सौंपा गया. राज्य के वित्त मंत्री ने दोनों ही मंत्रियों को बकाया से संबंधित स्मार पत्र सौंपा. श्री किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को केंद्रीय अनुदान में हर वर्ष हो रही कटौती से भी अवगत कराया. केंद्रीय वित्त मंत्री को बताया गया कि सहायता अनुदान राशि में वर्ष वार गिरावट आ रही है. वित्त मंत्री श्री किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष अनुदान संबंधित वर्ष वार आंकड़े भी प्रस्तुत किये.
कृषि प्रक्षेत्र में केंद्र सरकार से मदद मांगी
श्री किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री को बताया कि झारखंड में आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर लोगों की संख्या बड़ी है. राज्य सरकार आंतरिक स्रोत से विकास के लिए संकल्पित है, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार का भी सहयोग चाहिए. राज्य में एसटी-एससी, पिछड़ा, अल्पसंख्यक और सामान्य जाति के गरीबों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री से कृषि प्रक्षेत्र के लिए विशेष मदद का आग्रह किया. दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, पशुपालन और बागवानी आदि की योजनाओं को सुदृढ़ करने में केंद्र सरकार की मदद जरूरी है. केंद्रीय वित्त मंत्री से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई.
राज्य सरकार ने बकाया का यह ब्योरा सौंपा
कोयला उत्खनन प्रक्षेत्र में कोयला रॉयल्टी—–2900 करोड़
पर्यावरण मंजूरी के बाद उत्खनित खनिज की कीमत का बकाया–32000 करोड़
भूमि अधिग्रहण संबंधी बकाया—1,01, 142 करोड़
कुल बकाया राशि—- 1.36 लाख करोड़
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