कैश कांड में पकड़े गये विधायकों को झारखंड हाईकोर्ट का झटका, जांच में रोक लगाने से किया इनकार
झारखंड हाईकोर्ट ने कैश कांड पकड़े गये कांग्रेस विधायकों को झटका देते हुए जांच में रोक लगाने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि कोलकाता पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर कोई रोक नहीं है. हालांकि मामले में बंगाल सरकार व झारखंड सरकार को प्रति शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया गया है.
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने कांग्रेस विधायक कैश कांड में शुक्रवार को प्रार्थियों को राहत नहीं दी और जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में कांग्रेस विधायकों पर अरगोड़ा थाना में दर्ज शून्य प्राथमिकी को कोलकाता ट्रांसफर करने के मामले में सुनवाई हुई. मौके पर अदालत ने कहा कि कोलकाता पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर कोई रोक नहीं है.
इस मामले में आरोप पत्र दायर करने पर रोक रहेगी. पश्चिम बंगाल सरकार व झारखंड सरकार को प्रति शपथ पत्र (जवाब) दायर करने का निर्देश दिया गया. साथ ही सूचक (अनूप सिंह) को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई के लिए अदालत ने एक दिसंबर की तिथि निर्धारित की. अदालत ने सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद उक्त आदेश दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखा.
उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को अरगोड़ा थाना में दर्ज शून्य प्राथमिकी को कोलकाता ट्रांसफर किया गया है. अरगोड़ा थाना में दर्ज प्राथमिकी की जांच कोलकाता पुलिस नहीं कर सकती है. यह उसके क्षेत्राधिकार से बाहर है. केंद्र सरकार की ओर से एएसजीआइ वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार व अधिवक्ता विनोद साहू ने अदालत को बताया कि जहां की घटना है, वहीं पर कार्रवाई होनी चाहिए.
क्या है मामला :
प्रार्थी कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप, डॉ इरफान अंसारी व नमन विक्सल कोंगाड़ी ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है. उन्होंने अरगोड़ा थाना में दर्ज शून्य प्राथमिकी को कोलकाता ट्रांसफर करने को चुनौती देते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है. हावड़ा में 30 जुलाई को 49 लाख रुपये के साथ कोलकाता में पकड़े गये तीनों विधायकों पर कैश कांड में प्राथमिकी दर्ज है.