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मनरेगा घोटाले से कसने लगा हेमंत सोरेन पर शिकंजा, जानें कैसे हुई थी इसकी शुरुआत

इसी पूछताछ के दौरान अवैध खनन और उससे होनेवाली वसूली की सूचनाओं की पुष्टि हुई. इसमें बड़े प्रभावशाली लोगों के शामिल होने के संकेत मिले.

By Prabhat Khabar News Desk | February 1, 2024 6:27 AM

रांची: ईडी ने मनरेगा घोटाले के समय से ही राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को घेरने की कोशिश शुरू कर दी थी. वर्ष 2010 में हुए इस घोटाले के समय खूंटी जिले के उपायुक्त रही पूजा सिंघल 2022 में खान सचिव के पद पर पदस्थापित थीं. छह मई 2022 को इडी ने पूजा सिंघल के उनसे जुड़े लोगों के अलावा सीए सुमन कुमार सिंह के ठिकानों पर छापा मारा. सीए के ठिकानों से मिले 17.79 करोड़ रुपये की राशि ने खनन घोटाले की पोल खोली.  राज्य में अवैध खनन से होनेवाली मनी लाउंड्रिंग से संबंधित जानकारी मिलने के बाद इडी ने राज्य के जिला खनन पदाधिकारियों को पूछताछ के लिए समन जारी किया.

इसी पूछताछ के दौरान अवैध खनन और उससे होनेवाली वसूली की सूचनाओं की पुष्टि हुई. इसमें बड़े प्रभावशाली लोगों के शामिल होने के संकेत मिले. इसी को आधार बना कर ईडी की ओर से जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट में यह कहा गया था कि छापेमारी में मिले दस्तावेज अतिसंवेदनशील हैं. इसलिए वह इसे राज्य सरकार की किसी एजेंसी के हवाले नहीं करना चाहती है. जिला खनन पदाधिकारियों और सीए सुमन कुमार से पूछताछ के दौरान मिली सूचनाओं के मद्देनजर इडी ने साहिबगंज में हो रहे अवैध खनन घोटाले की जांच करने के लिए  बरहरवा टोल विवाद  के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज किया. इसीआइआर दर्ज करने के बाद ईडी ने मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित 15 लोगों के ठिकानों पर छापा मारा.

खनन घोटाले की जांच के दौरान ईडी ने छह चरणों में कुल 47 ठिकानों पर छापा मारा. इडी ने अवैध खनन की जांच के दौरान  8-7-2022, 14-7-2022, 15-7-2022, 25-7-2022, 26-7-2022 और 24-8-2022 को छापा मारा. छापामारी के दौरान मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि के ठिकानों से एक लिफाफा जब्त किया गया. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट से संबंधित चेकबुक और दो हस्ताक्षरित चेक जब्त किये गये. अवैध खनन की जांच के दौरान ही इडी ने सीए जयशंकर जयपुरियार के ठिकानों पर भी छापा मारा था. सीए के घर से भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे.

ईडी ने पंकज मिश्रा के घर से मिले चेकबुक सहित अन्य दस्तावेज की जांच के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पहली बार 31 अक्तूबर 2022 को समन जारी कर एक नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया. पर मुख्यमंत्री ने अपनी राजनीतिक व्यस्तता के आधार पर समय की मांग की. इसके बाद इडी ने नौ नवंबर को समन भेज कर 17 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया. निर्धारित तिथि पर मुख्यमंत्री पूछताछ के लिए हाजिर हुए. उनसे करीब नौ घंटे तक पूछताछ हुई. इस दौरान उन्होंने अपनी और अपने पारिवारिक सदस्यों की संपत्ति का ब्योरा इडी को सौंपा. साथ ही अपने बैंक अकाउंट का ब्योरा भी दिया. इडी ने अवैध खनन की जांच के दौरान ही मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू से भी पूछताछ की.

ईडी ने खनन घोटाले में भी हेमंत सोरेन से की थी पूछताछ

मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान सीए सुमन कुमार की डायरी में जिला खनन पदाधिकारियों द्वारा पैसा दिये जाने का  ब्योरा मिलने के बाद इडी ने जिला खनन पदाधिकारियों को समन किया और उनका बयान दर्ज किया. उनके बयान से मिले तथ्यों के आलोक में इडी ने साहिबगंज में अवैध खनन की जांच शुरू की. इसके लिए बरहरवा टोल के टेंडर विवाद के सिलसिले में शंभु नंदन द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी (85/2020, दिनांक 22-6-2020) के आधार पर इसीआइआर दर्ज किया गया. इस प्राथमिकी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम सहित 11 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. इडी ने इस प्राथमिकी के आधार पर दर्ज इसीआइआर में अवैध खनन सहित अन्य संज्ञेय अपराध के सिलसिले में साहिबगंज में दर्ज 50 प्राथमिकियों को शामिल किया. इसके बाद इस मामले में तीन चरणों में छापामारी की. छापामारी में मिले दस्तावेज के आधार पर इडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू से पूछताछ की.

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