विधानसभा का मॉनसून सत्र 28 जुलाई से आहूत है. सत्र को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. बुधवार को स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक सरयू राय, कमलेश सिंह, डॉ लंबोदर महतो और अमित कुमार यादव शामिल हुए. विधानसभा की ओर से भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण को बैठक में आमंत्रित किया गया था. हालांकि, स्पीकर की इस बैठक से भाजपा दूर रही. पक्ष-विपक्ष की बैठक में स्पीकर ने दल के नेताओं से सदन सुचारू रूप से चलाने का आग्रह किया.
स्पीकर श्री महतो ने कहा कि छोटे से सत्र का अधिकतम सदुपयोग होना चाहिए. हम विधानसभा के कार्यकाल की समाप्ति की ओर हैं, ऐसे में सदन के अंदर ज्यादा से ज्यादा जनता के सवाल आने चाहिए. स्पीकर ने राज्य के आला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. सत्र में सुरक्षा से लेकर सुविधाओं का ख्याल रखने को कहा गया. विभागों को समय पर प्रश्नों के तथ्यपरक जवाब देने का निर्देश दिया. सत्र के दौरान आला अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का भी निर्देश स्पीकर की ओर से दिया गया.
इधर, विधानसभा को सरकार की ओर से तीन विधेयक अलग-अलग विभागों से भेजे गये हैं. सीवी रमण विश्वविद्यालय, आरोग्यम विश्वविद्यालय और झारखंड कारखाना निबंधन विधेयक भेजे गये हैं. विधानसभा सत्र को लेकर पक्ष-विपक्ष भी तैयार है. पक्ष-विपक्ष के विधायक सत्र को लेकर गुरुवार को बैठक करेंगे. भाजपा-आजसू के विधायक सरकार को घेरने की रणनीति बनायेंगे. स्थानीयता, नियोजन नीति से लेकर विधि-व्यवस्था और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनायेंगे. वहीं, विपक्ष के खिलाफ सत्ता पक्ष में झामुमो, कांग्रेस और राजद के विधायक विपक्ष के हमले का जवाब देने की तैयारी में हैं.
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विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को समय सीमा के अंदर सवालों का जवाब सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. स्पीकर ने बताया कि लंबित व अनागत प्रश्नों के 1213 प्रश्नों के उत्तर विभिन्न विभागों से नहीं मिले हैं. सभी विभागों के वरीय अधिकारी इस पर अपने स्तर से संज्ञान लें. विभागों के उत्तर ऐसे आयें, जिससे प्रश्नकर्ता विधायक संतुष्ट हों. निवेदनों को लेकर भी पदाधिकारियों को संज्ञान लेने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि अब–तक कुल प्राप्त 866 निवेदनों में से 660 के उत्तर अप्राप्त है. इसी तरह 411 आश्वासनों में से 337 के उत्तर नहीं मिले हैं. विभाग इसे त्वरित गति से निपटारा करें.