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Jharkhand Monsoon Session: भानू प्रताप शाही ने पूछा- कहां हैं गिरफ्तार विधायक, स्पीकर ने दिया ऐसा जवाब

मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सदन का नजारा बदला-बदला था. कैश कांड में कोलकाता पुलिस द्वारा कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की गिरफ्तारी को लेकर सदन के अंदर और बाहर चर्चा हो रही है.

झारखंड विधानसभा मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सदन का महौल बदला सा था. कैश कांड में कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार विधायकों के लेकर चर्चा तेज थी. विधायक दबे-छुपे इस पर चर्चा कर रहे थे. कांग्रेस के विधायकों पर विशेष निगाहें थी़ं झारखंड में आयी सियासी उफान को लेकर कांग्रेस के विधायकों के साथ विपक्ष के विधायक भी चर्चा करते देखे गये. विपक्ष के हो हंगामे के बीच बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही ने सदन पर इस मुद्दे को उठाया तो स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि ये तो आपको ही पता होगा.

बता दें कि कल सदन की कार्यवाही पहली पाली में हो-हल्ला के कारण स्थगित हुई, तो फिर कई विधायक हॉल में ही बैठे रहे. मंत्री और कांग्रेस के विधायक एक दूसरे की सीट पर जा कर पूरे मामले की खोज-खबर ले रहे थे. सदन में वाद-विवाद में भी एक दूसरे पर टिप्पणी की़ स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने भी चुटकी ली. भाजपा विधायक झारखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने को लेकर हंगामा कर रहे थे़ इस दौरान भाजपा विधायक वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. हो-हल्ला में सदन के अंदर भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने पूछा, अब कहां हैं, तीनों विधायक (इरफान अंसारी, राजेश कच्छप व नमन विक्सल कोंगाड़ी).

इस पर स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने कहा, यह तो मुझसे बेहतर आपको ही पता होगा. बताइये कहां बुलाये थे उन लोगों को? भाजपा के विधायक सदन के अंदर झारखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग कर रहे थे. भाजपा विधायक कह रहे थे की बारिश बहुत कम हुई है. इस पर स्पीकर ने कहा किस बारिश की बात कर रहे हैं? आजकल बहुत तरह की बारिश हो रही है़

फसल राहत योजना सरल हो :

प्रदीप यादव ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि खेतों में फसल ही नहीं लग पाया है. ऐसे में फसल राहत योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पायेगा. सरकार को फसल राहत योजना को सरल करना चाहिए. खेतों में फसल नहीं लगा पाने वाले किसानों को भी लाभ दें. पशुओं को भी कठिनाई होने वाली है. इसका भी ख्याल रखें. लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि सरकार को अभी से सचेत हो जाना चाहिए.

गांव-गांव में पलायन होने लगा है. गंभीरता से निर्णय लेने की जरूरत है. गांव-गांव में सस्ती रोटी की व्यवस्था होनी चाहिए. उमाशंकर अकेला ने कहा कि सरकार अपना काम नहीं कर रही है. मंत्री बादल से 64 डीप बोरिंग मांगा था. आज तक नहीं मिला. पेयजल स्वच्छता मंत्री भी ध्यान नहीं दे रहे हैं. भाजपा किसानों का रहवर नहीं है. वर्तमान पार्टी ही इसका ध्यान रख सकती है.

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