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मासिक प्रति व्यक्ति खर्च में झारखंड नीचे से दूसरे स्थान पर, भारत सरकार के सर्वे में हुआ खुलासा

पूरे देश के ग्रामीण इलाकों का औसत एमपीसीइ 3773 तथा शहरी क्षेत्र का 6459 है. ग्रामीण इलाकों में सबसे अच्छी स्थिति सिक्किम की है. यहां ग्रामीण इलाकों को एमपीसीइ 7731 रुपये है

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2024 10:01 AM
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रांची : झारखंड के ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले लोगों का मासिक प्रति व्यक्ति खर्च (एमपीसीइ) 2763 रुपये है. वहीं शहरी क्षेत्र में रहनेवालों का खर्च 4931 रुपये है. पूरे देश में मासिक प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में झारखंड नीचे से दूसरे स्थान पर है. सबसे अंतिम पायदान पर छत्तीसगढ़ है. यहां ग्रामीण इलाकों का प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 2466 रुपये है. वहीं शहरी क्षेत्र का एमपीसीइ 4483 रुपये है.

पूरे देश के ग्रामीण इलाकों का औसत एमपीसीइ 3773 तथा शहरी क्षेत्र का 6459 है. ग्रामीण इलाकों में सबसे अच्छी स्थिति सिक्किम की है. यहां ग्रामीण इलाकों को एमपीसीइ 7731 रुपये है, जबकि शहरी इलाकों में सबसे अच्छी स्थिति चंडीगढ़ की है. यहां प्रति व्यक्ति मासिक खपत 12575 रुपये है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने यह सर्वे कराया है.

वर्ष 2000 में 486 रुपये थी प्रति व्यक्ति मासिक खपत

वर्ष 2000 में देश के ग्रामीण लोगों की प्रति व्यक्ति मासिक खपत या खर्च 486 रुपये थी. वहीं शहरी लोगों की प्रति व्यक्ति खपत 855 रुपये थी. यह बढ़ कर अभी 6459 हो गयी है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आय 3773 हो गयी है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले लोगों की बीच खपत में अंतर पहले 75.9 फीसदी थी, यह घटकर 71.2 फीसदी हुआ है. वर्ष 2000 के बाद के वर्षों में शहरी और ग्रामीण आबादी के बीच मासिक प्रति व्यक्ति खर्च का गैप काफी हो गया था. वर्ष 2004-05 में यह गैप 90.8, 2009-10 में 88.2 तथा 2011-12 में यह 83.9 फीसदी हो गया था.

खान-पान पर खर्च का प्रतिशत घटा, अन्य पर बढ़ा

सर्वे के दौरान वर्ष 2000 से लेकर 2023 तक के घरेलू खर्च पर होने वाले खर्च का अध्ययन भी किया गया है. इसमें पाया गया है कि वर्ष 2000 में खान-पान पर कुल खर्च का करीब 59.40 फीसदी खर्च होता था. यह घटकर 2022-23 में 46.38 फीसदी हो गया है. खान पान के अतिरिक्त वाला खर्च बढ़ा है. इसमें करीब 10 फीसदी की वृद्धि हुई है. वर्ष 2000 में कुल घर खर्च का 40.60 फीसदी खर्च होता था. वह खर्च बढ़कर 2023 में करीब 53.62 फीसदी हो गया है.

क्या है राज्यों की स्थिति

राज्य- ग्रामीण-शहरी (रुपये में)
सिक्किम – 7731-12105
चंडीगढ़ – 7467- 12575
अंडमान – 7332-10268
गोवा – 7367 -8734
पुडुचेरी – 6590-7706
दिल्ली – 6576-8217
केरल – 5924-7078
लक्ष्यदीप – 5895-5475
हिमाचल प्रदेश – 5561-8075

पंजाब – 5315-6544
तमिलनाडू – 5310-7630
अरुणाचल प्रदेश – 5276-8636
मिजोरम – 5224-7655
त्रिपुरा – 5206-7405
आंध्र प्रदेश-4870-6782
हरियाणा – 4859-7911
तेलंगना – 4802-8158
उत्तराखंड – 4641-7004
कर्नाटक – 4397-7666
नगालैंड-4393-7098
मणिपुर-4360-4880

जम्मू-कश्मीर – 4296-6179
दादर नागर हवेली – 4184-6298

लद्दाख – 4035-6215
महाराष्ट्र – 4010-6657

गुजरात – 3798-6621
मेघालय – 3514-6433

असम-3432-6136
बिहार-3384-6136

प बंगाल-3239-5267
उत्तर प्रदेश-3191-5040

मध्य प्रदेश-3113-4987
ओडिशा-2950-5187

झारखंड-2763-4931
छत्तीसगढ़-2466-4483

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