संसद की सुरक्षा में चूक पर झारखंड की सांसद ने कहा- आज तो बाल-बाल बचे हमलोग
संसद में प्रवेश से पहले पांच जगह जांच होती है. फिर भी ये लोग ‘स्मोक क्रैकर’ लेकर आ गए, यह निश्चित रूप से सुरक्षा में चूक है. उन्होंने बताया कि संसद में अफरा-तफरी मचा देने वाले इन लोगों की कोई मांग नहीं थी. सिर्फ वे नारेबाजी कर रहे थे- तानाशाही नहीं चलेगी, तानाशाही नहीं चलेगी.
लोकसभा में सुरक्षा की चूक के बाद झारखंड के सांसदों ने शून्यकाल के दौरान होने वाले घटनाक्रम के बारे में प्रभात खबर को विस्तार से जानकारी दी. एक सांसद ने कहा कि आज तो हमलोग बाल-बाल बचे. दो लोग संसद में दाखिल हो गए और स्मोक क्रैकर छोड़ दिया. दो युवकों ने इस घटना को अंजाम दिया. हालांकि, एक युवक अपने जूते से स्मोक क्रैकर निकाल नहीं पाया. जब तक वह जूते से उसे निकालता, सांसदों और सुरक्षाकर्मियों ने मिलकर उसे धर दबोचा. करीब 15 मिनट तक लोकसभा में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. झारखंड के सांसदों ने इसे सुरक्षा में चूक माना है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उस वक्त सदन में मौजूद नहीं थे, जब यह घटना हुई. पीएम मोदी और अमित शाह दोनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर गए हुए थे.
15 मिनट तक लोकसभा में रही अफरा-तफरी : विद्युत वरण महतो
जमशेदपुर लोकसभा के सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विद्युत वरण महतो ने कहा कि लोकसभा में शून्यकाल चल रहा था. अचानक से दो लोग दर्शक दीर्घा से नीचे सदन में कूद गए. इनमें से एक व्यक्ति सांसदों के टेबल पर चढ़कर एक टेबल से दूसरे टेबल पर भागने लगा. पूरे सदन में अफरा-तफरी मच गई. दोनों ने नारेबाजी शुरू कर दी. करीब 15 मिनट तक लोकसभा में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. हालांकि, इस दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. न ही कोई चोटिल हुआ. विद्युत वरण महतो ने कहा कि आज ही के दिन (13 दिसंबर) को 22 साल पहले संसद भवन पर आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें हमारे कई जवान शहीद हो गए थे. उसी तारीख को इस तरह से किसी व्यक्ति का संसद में आकर ऐसी हरकत करना संसद की सुरक्षा में चूक है. उन्होंने कहा कि संसद में प्रवेश से पहले पांच-पांच जगहों पर सुरक्षाकर्मी लोगों की जांच करते हैं. फिर भी ये लोग अपने साथ ‘स्मोक क्रैकर’ लेकर संसद में दाखिल हो गए, यह निश्चित रूप से सुरक्षा में चूक है. उन्होंने बताया कि संसद में अफरा-तफरी मचा देने वाले इन लोगों की कोई मांग नहीं थी. सिर्फ वे नारेबाजी कर रहे थे- तानाशाही नहीं चलेगी, तानाशाही नहीं चलेगी.
दर्शक दीर्घा से सदन में कूदे युवक : चंद्र प्रकाश चौधरी
भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी आजसू के नेता और गिरिडीह से सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने भी इसे सुरक्षा में चूक माना है. उन्होंने कहा कि एक बज रहे होंगे. हमलोग संसद पर हुए आतंकी हमले में दिवंगत सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दे रहे थे. इसी दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से कूदकर सदन में आ गए. इनकी उम्र 21-22 साल होगी. चौधरी ने कहा कि सांसद की मदद से इन्होंने दर्शक दीर्घा में दाखिल होने का पास बनवाया था. हालांकि, युवकों का पास बनवाने वाले सांसद का बचाव करते हुए चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि एक सांसद होने के नाते हमारा फर्ज है कि अगर हमारे क्षेत्र का कोई व्यक्ति सदन की कार्यवाही देखना चाहता है, तो हम उसकी मदद करें. इसलिए सांसद ने पास बनाने की अनुशंसा कर दी. पास लेकर वह सदन के अंदर जाकर क्या करेगा, इसकी जानकारी तो सांसद को नहीं होती. लेकिन, इन लड़कों ने जो किया है, वह गलत है और संसद की सुरक्षा में इसे चूक माना जाना चाहिए.
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तेज आवाज आई, शोर मची और भागता दिखा युवक : गीता कोड़ा
सिंहभूम की कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि आज तो हम बाल-बाल बच गए. उन्होंने बताया कि जीरो आवर चल रहा था. अचानक से पीछे से तेज आवाज आई. दो लोग दर्शक दीर्घा से नीचे कूदे. शोर करने लगे. फिर भागने लगे. हमारी सीट की बगल वाली रो से उसने जंप किया. टेबल पर चढ़ गया और भागने की कोशिश करने लगा. इसी बीच उसने अपना जूता खोलना चाहा, लेकिन वह खोल नहीं पाया. इससे पहले कि वह जूता खोल पाता, सुरक्षाकर्मियों और सांसदों ने मिलकर उसे धर दबोचा. गीता कोड़ा ने बताया कि ये लोग विजिटर के रूप में संसद भवन में दाखिल हुए थे. महिला सांसद ने यह भी कहा कि अगर दो लोग इस तरह से कुछ सामान लेकर संसद में दाखिल होने में कामयाब रहे, तो वे कुछ और भी सामान अपने साथ ला सकते थे. किसी बड़ी घटना को भी अंजाम दे सकते थे. यह बेहद गंभीर मामला है. गीता कोड़ा ने कहा कि युवकों ने जूते में स्मोक क्रैकर छिपा रखे थे. एक ने तो उसे फोड़ दिया, लेकिन, दूसरा युवक अपने जूते से उसे निकाल ही नहीं पाया.