रिफॉर्म हो रहे हैं झारखंड के नगर निकाय, अगले साल बदल जाएगी रांची की सूरत
सभी शहरों में जलापूर्ति योजनाओं के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम किया जा रहा है. राज्य के सभी नगर निकायों का नया भवन बनाया जा रहा है. हजारीबाग व देवघर में सेप्टेज परियोजना का काम पूरा कर लिया गया है.
रांची : झारखंड में शहरी विकास की योजनाओं ने आकार लेना शुरू कर दिया है. राजधानी रांची समेत राज्य के अन्य शहरों के विकास के लिए लगभग दो दशक पहले बनी योजनाओं का धरातल पर उतरना शुरू हो गया है. झारखंड विजन और एक्शन प्लान के अनुसार राज्य की शहरी आबादी में 2001 और 2011 के बीच 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. 2031 तक राज्य की शहरी आबादी दोगुनी होकर 13.85 मिलियन होने की उम्मीद की जा रही है. इसे देखते हुए राज्य के सभी नगर निकायों के रिफॉर्म्स पर तेजी से काम चल रहा है. शहरी विकास की योजनाओं के सुदृढ़ीकरण और संचालन के लिए कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. शहरों की जलापूर्ति, सीवरेज, सेप्टेज, जल निकासी एवं सड़कों का नेटवर्क पर तेजी से काम किया जा रहा है. वर्ष 2024 के अंत तक राज्य के कई शहरों की सूरत बदल जायेगी.
सभी निकायों में तेज हुई है काम की रफ्तार :
राज्य के अन्य शहरों में भी विकास कार्य की रफ्तार पहले की तुलना में तेज हुई है. झारखंड अर्बन वाटर सप्लाई इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत 1200 करोड़ रुपये से रांची, झुमरीतिलैया, मेदिनीनगर और हुसैनाबाद में जलापूर्ति योजनाओं के आधारभूत संरचना का विकास किया जा रहा है. सभी शहरों में जलापूर्ति योजनाओं के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम किया जा रहा है. राज्य के सभी नगर निकायों का नया भवन बनाया जा रहा है. हजारीबाग व देवघर में सेप्टेज परियोजना का काम पूरा कर लिया गया है. देवघर, गिरिडीह, गोड्डा, चाकुलिया, बुंडू, झुमरी तिलैया व खूंटी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्लांट बन कर तैयार है. धनबाद व जमशेदपुर में इंटर स्टेट बस टर्मिनल निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है.
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अगले साल बदल जायेगी राजधानी की सूरत
रांची में विकास योजनाएं तेजी से जमीन पर उतारी जा रही है. तीन फ्लाइओवरों ने स्वरूप ले लिया है. अगले वर्ष के अंत तक तीनों फ्लाइओवर का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है. ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण आरंभ हो चुका है. रवींद्र भवन का काम लगभग पूरा हो चुका है. स्मार्ट सिटी की आधारभूत संरचना तैयार कर ली गयी है. इंटर स्टेट बस टर्मिनल बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. पेयजलापूर्ति योजनाओं के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. हालांकि, ठोस कचरा प्रबंधन पर ठोस कार्य नहीं किया जा सका है. अब तक शहर का कूड़ा खुले में ही डंप हो रहा है. सेप्टेज व जलापूर्ति योजनाओं के कार्य में भी अपेक्षित प्रगति नहीं दर्ज की जा सकी है.