झारखंड सरकार नगर निकायों के मेयर व अध्यक्ष के चुनाव में आरक्षण के प्रावधान में बदलाव करेगी. अब नगर निकायों में मेयर व अध्यक्ष का पद आरक्षित वर्ग की जनसंख्या के आधार पर तय होगा. प्रस्ताव में झारखंड नगर पालिका अधिनियम के आरक्षण से संबंधित प्रावधान से ‘रोटेशन’ शब्द विलोपित करने की बात कही गयी है. निकायों के आरक्षण के रोस्टर में बदलाव जनसंख्या के आधार पर ही होगा.
मेयर व अध्यक्ष के पद को रोटेशन पर आरक्षित नहीं किया जा सकेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने संबंधित कानून में बदलाव करने का फैसला लिया है. नगर विकास विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर विधि व वित्त विभाग की मंजूरी प्राप्त कर ली है. बुधवार को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है.
झारखंड नगर पालिका अधिनियम के मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक राज्य के नगर निकायों में आरक्षण के लिए रोटेशन प्रणाली लागू है. इसके तहत आरक्षित वर्ग में निकायों के मेयर व अध्यक्ष पद के आरक्षण में बदलाव जनसंख्या पर आधारित नहीं है. निर्धारित समय के बाद रोटेशन पद्धति से आरक्षित वर्ग में बदलाव करने का प्रावधान है. इसका पालन करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव कराने के लिए आरक्षण रोस्टर प्रकाशित किया था.
उसमें रांची नगर निगम के मेयर का पद रोटेशन के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था, जो पहले एसटी के लिए रिजर्व था. इस पर हुए विरोध के बाद राज्य सरकार ने मामले में झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ समिति या टीएसी की स्वीकृति लेने का फैसला किया. टीएसी ने आयोग द्वारा नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव के लिए जारी किये आरक्षण रोस्टर को खारिज कर दिया था. इसके बाद कानूनी सलाह लेकर नगर विकास विभाग ने कानून में बदलाव करते हुए आरक्षण से रोटेशन पद्धति हटाने का प्रस्ताव तैयार किया है.
राज्य सरकार द्वारा आरक्षण प्रणाली से रोटेशन की प्रक्रिया समाप्त करने के बाद अब इस वर्ष नगर निकाय चुनाव की संभावना नहीं है. कैबिनेट द्वारा झारखंड नगर पालिका अधिनियम में बदलाव का फैसला करने के बाद नगर विकास विभाग संबंधित नियमावली में भी बदलाव करेगा. नयी नियमावली के तैयार होने तक चुनाव आयोग नयी मतदाता सूची का प्रकाशन कर देगा. उसके बाद नगर निकायों का चुनाव नवीनतम मतदाता सूची के मुताबिक कराने की बाध्यता हो जायेगी. ऐसे में गत तीन वर्षों से राज्य में लंबित नगर निकाय चुनाव के लिए लोगों को कम से कम तीन से चार महीनों तक और इंतजार करना पड़ेगा.
रांची. फर्नीचर और फर्निशिंग के लिए मंत्रियों की सुविधाएं बढ़ायी जायेंगी. पूर्व में इन्हें 1.5 लाख रुपये भत्ता मिलता था. इसे अब बढ़ा कर तीन लाख रुपये किया जा रहा है. 14 दिसंबर को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव आ सकता है.
सहायक आचार्य नियुक्ति में अब सिर्फ पारा शिक्षकों के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित रहेगी. इसके लिए संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में आ सकता है. झारखंड में स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापना से संबंधित प्रस्ताव भी कैबिनेट में आ सकता है.