झारखंड में नगर निकाय चुनाव टलने के आसार, केंद्र को भेजी जायेगी पुराना प्रावधान रखने की अनुशंसा
टीएसी की बैठक में फैसला लिया गया कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में एकल पद आरक्षण को लेकर इस मामले में महाधिवक्ता से विधि परामर्श लिया जायेगा, क्योंकि अब तक पंचायतों में पेसा कानून के तहत ही चुनाव हो रहे हैं.
Jharkhand News, TAC Meeting In Jharkhand: अनुसूचित क्षेत्र के नगर निकाय चुनाव में एकल पद आरक्षित रखने के लिए पुराने प्रावधान को यथावत रखने की अनुशंसा केंद्र सरकार से की जायेगी. यह फैसला बुधवार को जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक में लिया गया है. इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की. इस फैसले से नगर निकाय चुनाव फिलहाल टलने के आसार हैं.
बैठक में पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में एकल पद आरक्षण को लेकर सदस्यों ने कहा कि इस मामले में महाधिवक्ता से विधि परामर्श लिया जायेगा, क्योंकि अब तक पंचायतों में पेसा कानून के तहत ही चुनाव हो रहे हैं. पेसा कानून में कोई संशोधन नहीं किया गया है. बैठक में अधिसंख्य सदस्यों ने एकल पद पर एसटी का आरक्षण समाप्त करने का विरोध किया और इसको लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को भेजने का सुझाव दिया है.
ऐसे में नगर निकाय चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया गया है. कैबिनेट की बैठक भी एक दिसंबर को होगी. टीएसी के सदस्य विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में एकल पद जनजातीय के लिए ही आरक्षित करने का प्रावधान किया जा रहा है. इस मुद्दे पर महाधिवक्ता से भी राय ली जायेगी. फिर कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार होगा. कैबिनेट से पारित होने के बाद केंद्र की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. ऐसे में निकाय चुनाव दो-चार माह टल सकता है.
इधर, राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि ‘द म्यूनिसिपल (एक्सटेंशन टू द शिड्ल्यूड एरियाज) बिल-2021 की स्टैंडिंग कमेटी (नगर निकाय की समिति, जिसमें जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व हो) की अनुशंसा नगर निकाय को बाध्यकारी होगी’ को विलोपित करने की अनुशंसा की गयी थी. विचार करने के बाद उक्त प्रावधान को यथावत रखने की अनुशंसा केंद्र को भेजने का निर्णय लिया गया.
यह भी तय किया गया है कि जनजातीय हितों की रक्षा के प्रतिकूल कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए. बैठक में मंत्री-सह-टीएसी के उपाध्यक्ष चंपई सोरेन, विधायक प्रो स्टीफन मरांडी, दीपक बिरुआ, दशरथ गगराई, विकास कुमार मुंडा, नमन बिक्सल कोंगाड़ी, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की, मनोनीत सदस्य विश्वनाथ सिंह सरदार, जमल मुंडा, राजीव अरुण एक्का, अजय कुमार सिंह, विनय कुमार चौबे, के श्रीनिवासन, केके सोन, हिमानी पांडेय सहित अन्य उपस्थित थे.
बाबूलाल, नीलकंठ व कोचे नहीं आये :
टीएसी के अन्य सदस्यों में भाजपा के बाबूलाल मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा व कोचे मुंडा बैठक में शामिल नहीं हुए.
बैठक में इन पर चर्चा
01. पर्यावरण और जनजातीय संस्कृति का संरक्षण करते हुए राज्य में इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जायेगा
02. लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री के लिए सिदो-कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड कार्यरत है. इसी के अंतर्गत व्यापक रूप से लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री कर वन क्षेत्र में रहनेवाले लोगों की आय वृद्धि हो इसके लिए पहल किये जाने का निर्णय लिया गया.
03. वनाधिकार अधिनियम-2006 के तहत अधिक से अधिक सामुदायिक पट्टा दिये जाने और उसमें अधिक से अधिक वन भूमि का उपयोग वन विभाग के नियमों व पर्यावरण के अनुकूल किये जाने पर जोर दिया गया.
04. जनजातीय भाषा में पहली से पांचवीं तक पढ़ाई और जनजातीय भाषाओं के अधिक से अधिक उपयोग पर डाॅ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान से अध्ययन कराते हुए नीति बनायी जायेगी. जनजातीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद कराते हुए उसका वितरण करने का निर्णय लिया गया.
05. जनजातीय भाषाओं के शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज किया जाये. जरूरत के अनुसार पद सृजन भी किया जाये.
06. होड़ोपैथी आदिवासी ज्ञान परंपरा का गौरवपूर्ण हिस्सा रहा है. इसके वैज्ञानिक विश्लेषण, अध्ययन, अनुसंधान, प्रकाशन के साथ सीएसआइआर के तरह वैज्ञानिक प्रयोगशाला बनाते हुए इसे आयुष में शामिल किये जाने पर जोर दिया गया.
07. झारखंड पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार नियमावली-2022 के प्रारूप पर संबंधित विभागों एवं पक्षों से सम्यक विचारोपरांत निर्णय लिया जाये.
08. जनजातीय युवाओं को पांच वर्ष से अधिक भुगतान अवधि के साथ ऋण प्रदान किये जाने के लिए अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन कराते हुए बैंकों के साथ राज्यस्तरीय बैठक कर नीति बनायी जाये.