झारखंड में नगर निकाय चुनाव : ट्रिपल टेस्ट के लिए 6 जिलों में ओबीसी सर्वे पूरा

Jharkhand Municipal Elections Triple Test: नगर निकाय चुनाव के लिए झारखंड में ट्रिपल टेस्ट के लिए ओबीसी का सर्वेक्षण युद्ध स्तर पर चल रहा है. जानें अब तक कहां-कितना सर्वे हुआ.

By Mithilesh Jha | January 10, 2025 11:51 AM

Jharkhand Municipal Elections Triple Test: झारखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए ओबीसी सर्वे का काम जोर-शोर से चल रहा है. नगर निकाय चुनावों में ट्रिपल टेस्ट से ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी का सर्वेक्षण किया जा रहा है. दिसंबर 2024 के अंत में डोर टू डोर सर्वे शुरू हुआ था. अब तक 6 जिलों में सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है. 6 जिलों में 90 फीसदी से अधिक सर्वे कर लिया गया है. 4 जिलों में सर्वे का काम 50 फीसदी से अधिक हो गया है. वहीं, राज्य के 8 जिलों में 50 फीसदी भी काम पूरा नहीं हो पाया है. झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सभी 24 जिलों के उपायुक्तों को 31 जनवरी 2025 तक सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया है.

6 जिलों में 90 प्रतिशत से अधिक सर्वे

झारखंड के 6 जिलों (धनबाद, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, गोड्डा और लातेहार) के नगर निकाय क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे करके ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. साहिबगंज में 95 प्रतिशत, चतरा, दुमका, पाकुड़ और सरायकेला-खरसावां में 90 प्रतिशत ओबीसी आबादी का सर्वे पूरा हो चुका है. एक सप्ताह में इन जिलों में भी ओबीसी सर्वेक्षण का पूरा कर हो जाएगा, ऐसी उम्मीद है.

रांची और देवघर में सबसे धीमा चल रहा सर्वे का काम

रांची और देवघर जिले में सर्वे का काम बेहद धीमा है. इन दोनों जिलों में केवल 10 प्रतिशत ही सर्वेक्षण हो पाया है. जामताड़ा में 40 प्रतिशत, पलामू में 40 प्रतिशत, पूर्वी सिंहभूम में 35 प्रतिशत, गिरिडीह में 25 प्रतिशत, पश्चिम सिंहभूम में 14 प्रतिशत और गढ़वा में 13 प्रतिशत ही सर्वेक्षण हो पाया है. 4 जिलों (रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग और कोडरमा) में 50 से 80 प्रतिशत तक सर्वेक्षण हो चुका है. रामगढ़ में 80 प्रतिशत, बोकारो में 70 प्रतिशत, हजारीबाग में 60 प्रतिशत और कोडरमा में 50 प्रतिशत सर्वे हो चुका है.

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मार्च तक सरकार को रिपोर्ट सौंपने का लक्ष्य

पिछड़ा वर्ग आयोग का मार्च 2025 तक सर्वे की प्रक्रिया पूरी करके झारखंड सरकार को रिपोर्ट सौंपने का लक्ष्य है. इस दौरान सर्वे के बाद आमलोगों की आपत्तियां आमंत्रित की जायेंगी. आपत्तियों के निराकरण के बाद आयोग की ओर से चुने गए चयनित परामर्शी अंतिम रिपोर्ट तैयार करके राज्य सरकार को सौंप देंगे.

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