झारखंड पिछड़ा आयोग ने मांगी उपायुक्तों के माध्यम से OBC की गिनती कराने की अनुमति, 3 साल से लंबित है निकाय चुनाव

झारखंड सरकार की अनुमति मिलने के बाद सभी शहरी निकायों में थ्री लेयर टेस्ट के लिए जनगणना का कार्य शुरू कराया जा सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2024 11:36 AM

विवेक चंद्र, रांची : झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने उपायुक्तों के माध्यम से राज्य में ट्रिपल टेस्ट के लिए जनगणना कराने की अनुमति मांगी है. इससे संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार के कार्मिक विभाग को भेजा है. आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र महतो ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय के निर्देशानुसार ओबीसी की वास्तविक गिनती कर ट्रिपल टेस्ट कराने को कहा है. निजी एजेंसी द्वारा जनगणना कराने पर उसकी स्वच्छता और पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो सकता है. ऐसे में उपायुक्तों के माध्यम से ही जनगणना कराने का निर्णय लिया गया है.

सरकार से अनुमति मिलने के बाद शुरू हो सकता है जनगणना का काम

झारखंड सरकार की अनुमति मिलने के बाद सभी शहरी निकायों में थ्री लेयर टेस्ट के लिए जनगणना का कार्य शुरू कराया जा सकता है. पूर्व में आयोग ने मध्यप्रदेश की तर्ज पर मतदाता सूची से ओबीसी की गिनती करने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन, राज्य सरकार ने उसे अस्वीकृत करते हुए वास्तविक जनगणना करते हुए थ्री लेयर टेस्ट के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया था.

तीन साल से लंबित है 13 निकायों में चुनाव, शेष में अप्रैल से

राज्य के 13 नगर निकायों में तीन वर्षों से अधिक समय से और शेष सभी निकायों में गत साल अप्रैल से नगर निकाय चुनाव लंबित है. वर्तमान में नगर निकायों का संचालन जनप्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक पदाधिकारियों के माध्यम से कराया जा रहा है. जिससे निकाय प्रशासन में जनता की कोई भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो पा रही है.

झारखंड को मिलनेवाला 1600 करोड़ का अनुदान फंसा

नगर निकाय चुनाव में विलंब का खामियाजा विकास कार्यों पर पड़ रहा है. चुनाव नहीं होने की वजह से 15वें वित्त आयोग की ओर से मिलनेवाले अनुदान से राज्य को वंचित होना पड़ रहा है. 15वें वित्त आयोग से झारखंड सरकार को लगभग 1600 करोड़ रुपये का अनुदान फंस गया है. यह राशि राज्य के शहरों के विकास व नागरिक सुविधाएं विकसित करने के लिए राज्य को मिलनी है.

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