झारखंड मेंं नगर निकायों का चुनाव लंबे समय तक टल सकता है. कैबिनेट द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से पिछड़े वर्ग का आरक्षण तय करने का फैसले तीन माह पहले लिया गया था. लेकिन अब तक आयोग का गठन नहीं किया जा सका है. आयोग के गठन में हो रही देर से यह साफ हो गया है कि इस वर्ष ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर नगर निकाय चुनाव कराना संभव नहीं है. अगले वर्ष 2024 के मई तक लोकसभा और नवंबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में अगले साल भी राज्य में नगर निकाय चुनाव संपन्न कराना संभव नजर नहीं आ रहा है.
ओबीसी आयोग गठन के बाद पंचायत व निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए थ्री लेयर टेस्ट की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. ओबीसी का सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सर्वेक्षण कर आयोग आरक्षण की सीमा तय करेगा. इस प्रक्रिया को पूरी करने में कम से कम छह माह लगेंगे. मालूम हो कि ट्रिपल टेस्ट नहीं होने के कारण राज्य में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना ही कराया गया था.
नगर निकायों का चुनाव भी ओबीसी आरक्षण के बिना ही कराया जा रहा था. लेकिन, रांची नगर निगम में मेयर का पद अनारक्षित होने पर उठे विवाद के बाद निकाय चुनाव टालते हुए ट्रिपल टेस्ट के बाद ही कराने का निर्णय लिया गया है. चुनाव नहीं होने पर केंद्र सरकार से मिलनेवाली अनुदान राशि भी नहीं मिल पायेगी.
राज्य ओबीसी आयोग के अध्यक्ष का पद न्यायिक पदाधिकारियों के लिए आरक्षित है. अब तक इस पद पर ओबीसी वर्ग से आने वाले न्यायिक पदाधिकारी की ही नियुक्ति होती आयी है. अध्यक्ष पद के योग्य ओबीसी वर्ग के न्यायिक पदाधिकारी की अनुपलब्धता के कारण अब राज्य सरकार ओबीसी आयोग के गठन के नियमों में परिवर्तन करने पर विचार कर रही है. न्यायिक पदाधिकारी की जगह अब सामाजिक और राजनीतिक अनुभव रखनेवाले व्यक्ति को भी अध्यक्ष नियुक्त करने से संबंधित प्रस्ताव तैयार हो रहा है. इससे संबंधित प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अब आयोग का गठन हो सकेगा.
राज्य के 14 नगर निकायों में मई 2020 से ही चुनाव लंबित है. धनबाद, देवघर और चास नगर निगम के अलावा विश्रामपुर, झुमरी तिलैया, गोमिया व चक्रधरपुर नगर परिषद और कोडरमा, बड़की सरिया, धनवार, हरिहरगंज, बचरा और महगामा नगर पंचायत का कार्यकाल मई 2020 में ही पूरा हो गया है. शेष 34 नगर निकायों का कार्यकाल भी मई में पूरा हो गया.
रांची, हजारीबाग, गिरिडीह, मेदिनीनगर और आदित्यपुर नगर निगम, गढ़वा, चतरा, मधुपुर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, मिहिजाम, चिरकुंडा, फुसरो, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, रामगढ़, चाईबासा और कपाली, नगर उंटारी, हुसैनाबाद, छतरपुर, लातेहार, डोमचांच, राजमहल, बरहरवा, बासुकीनाथ, जामताड़ा, खूंटी, बुंडू और सरायकेला-खरसांवा में भी निकाय बोर्ड भंग हो गया है. निकायों की व्यवस्था इस समय अफसरों के हवाले है.