रांची: नक्सली संगठनों और आपराधिक गिरोह के खिलाफ पांच राज्यों की पुलिस संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगी. इसे लेकर बुधवार को पूर्वी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की हुई, जिसमें आपसी सहमति बनी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आयोजित बैठक में झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा व अन्य अधिकारियों के साथ ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार व पश्चिम बंगाल के वरीय पुलिस अधिकारी शामिल हुए.
बैठक में एक दूसरे से खुफिया जानकारी साझा करने, नशीली दवाओं की तस्करी पर रोक, वामपंथी उग्रवाद व सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय आपराधिक गिरोहों पर रोक लगाने के अलावा बैंक व ज्वेलरी दुकानों में संलिप्त अपराधियों पर शिकंजा कसने पर चर्चा हुई. अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के सीमा क्षेत्र पर पिछले तीन दशकों से हिंसक नक्सली वारदातों को अंजाम देनेवाले शीषर्स्थ माओवादी नेताओं की शरण स्थली रहे बूढ़ा पहाड़ व सारंडा वन क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति बनायी.
वहीं बिहार से लगे चतरा, पलामू, गिरिडीह व कोडरमा में सतर्कता बरतने पर चर्चा की. बैठक में सभी राज्यों की सीमा क्षेत्रों पर समय-समय पर औचक जांच के भी सुझाव दिये गये. इसके अलावा अन्य राज्यों में होनेवाली नक्सली व आपराधिक समस्याओं के संबंध में भी बैठक कर चर्चा की गयी. सभी ने एक दूसरे के साथ सहयोग की बातें रखीं. बैठक में एडीजी अभियान संजय आनंद राव लाठकर, आइजी विशेष शाखा प्रभात कुमार, आइजी अभियान अमोल वीणुकांत होमकर, सीआइडी आइजी असीम विक्रांत मिंज, विशेष शाखा के डीआइजी अनूप बिरथरे, एसपी शिवानी तिवारी, एटीएस एसपी अखिलेश बी वारियार शामिल थे.