Jharkhand Naxal News: इस इलाके में अभी भी छिपे हैं 3 करोड़ के इनामी सहित 80 नक्सली, खात्मा के लिए पुलिस कर रही ये काम
Jharkhand Naxal News: चाईबासा का छोटानागरा थाना क्षेत्र में तीन करोड़ का इनामी समेत 80 नक्सली अभी भी मौजूद हैं. इस इलाके को नक्सल मुक्त बनाने के लिए मार्च 2025 तक का टाइम रखा है.
रांची, प्रणव : चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम) अति उग्रवाद प्रभावित जिला है. इस जिला के कोल्हान का इलाका नक्सलियों से लगभग खाली हो गया है. इस इलाके में नक्सलियों का छोटा दस्ता बचा है. फिलहाल चाईबासा का छोटानागरा थाना क्षेत्र सेंटर प्वाइंट बना हुआ है. यहां के समता इलाके के 400 स्क्वायर किलोमीटर में नक्सलियों का मुख्य जत्था मौजूद है. इनमें एक-एक करोड़ के इनामी माओवादी पोलित ब्यूरो मेंबर मिसिर बेसरा, केंद्रीय कमेटी मेंबर अनल उर्फ पतिराम मांझी व असीम मंडल उर्फ आकाश सहित करीब 80 नक्सली हैं. उक्त इलाके में स्थानीय लोगों का छोटा टोला भी है. इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने के लिए झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने मार्च 2025 तक का टाइमलाइन रखा है. इसी के मद्देनजर ऑपरेशन को तेज किया गया है.
दो बार झारखंड के डीजीपी कर चुके हैं चाईबासा का दौरा
हाल के दिनों में झारखंड के डीजीपी दो बार और सीआरपीएफ के डीजी एक बार चाईबासा का दौरा कर चुके हैं. उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे देश को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. जिले को नक्सल मुक्त करने के लिए वर्ष 2022 से लगातार अभियान चल रहा है. इस दौरान ग्रामीणों के साथ-साथ सुरक्षा बलों को भी नुकसान पहुंचा है. जबकि कई नक्सली भी मारे गये हैं.
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नक्सलियों के पास अत्याधुनिक हथियार, आईईडी बना चुनौती
पुलिस के अधिकारी बताते हैं कि पहले नक्सली सुरक्षा बलों के वाहन को उड़ाने के लिए बड़ा आइइडी लगाते थे. लेकिन जब से सुरक्षा बलों ने पैदल ही अभियान चलाना शुरू किया है, तब से नक्सलियों ने भी अपनी रणनीति बदल दी है. अब नक्सली सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए जगह-जगह छोटा-छोटा आइइडी लगाये हुए हैं. इसलिए जवानों को आगे बढ़ने से पहले जांच कर आइइडी की नष्ट करना पड़ता है. वहीं नक्सलियों के पास भी सुरक्षाबलों की तरह मारक क्षमता वाला हथियार एके-47, इंसास, एसएलआर आदि हैं.
कितने सुरक्षा बलों को अभियान में लगाया गया है
चाईबासा को नक्सल मुक्त करने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. इनमें सीआरपीएफ की 30 कंपनी, कोबरा बटालियन की पांच कंपनी, एसटीएफ की 20 कंपनी के अलावा जिला बल के जवान लगाये गये हैं. वहीं नक्सल इलाके के अंदरूनी क्षेत्र में बनाये गये पुलिस पिकेट पर झारखंड सशस्त्र पुलिस व सैप के जवानों को तैनात किया गया है. ताकि नक्सलियों से खाली कराये गये इलाके में फिर से नक्सली सक्रिय नहीं हो पायें.
साइकोलॉजिकल वार भी कर रही है पुलिस
झारखंड पुलिस चाईबासा में नक्सलियों के खिलाफ साइकोलॉजिकल (मनोवैज्ञानिक) वार भी कर रही है. इसके तहत क्षेत्र के मानकी मुंडा आदि से संपर्क कर रही है, ताकि उनके जरिये स्थानीय लोगों से नक्सलियों को मदद नहीं मिले. साथ ही नक्सलियों के संबंध में स्थानीय लोग पुलिस को गुप्त जानकारी दें. वहीं स्थानीय युवाओं के लिए विभिन्न तरह के खेल का आयोजन कर रही है, ताकि स्थानीय लोगों का विश्वास पुलिस पर बढ़े.
अब तक क्या-क्या हुआ
- आईईडी विस्फोट व नक्सल कार्रवाई में 24 ग्रामीणों की मौत व 10 घायल.
- अभियान के दौरान सुरक्षा बल के पांच सुरक्षाकर्मी शहीद, 34 घायल.
- पुलिस मुठभेड़ में 29 जनवरी 2025 को एक महिला सहित दो नक्सली मारे गये.
- मुठभेड़ के दौरान जून 2024 में एक महिला सहित पांच नक्सली मारे गये.
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